Published On : Thu, Nov 19th, 2020

नक्शा मंजूरी : नगर रचना 1.5 लाख तो अग्निशमन 50 हज़ार

Advertisement

– सभी कागजात पूर्ण होने के बाद मनपा के उक्त विभाग के JE मार्फ़त उक्त राशि वसूली बाद दी जाती हैं मंजूरी

नागपुर : एक तरफ मनपा में 7 वां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार वेतन देने के लिए कर्मियों का प्रशासन से नियमित संघर्ष शुरू हैं तो दूसरी तरफ मनपायुक्त के नाक के नीचे मनपा आय का नया व महत्वपूर्ण स्त्रोत को बाधा पहुँचाने का सिलसिला जारी हैं.

Gold Rate
08 july 2025
Gold 24 KT 97,500 /-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 1,08,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

मनपा में अब चूँकि नासुप्र के लेआउट के निर्माणकार्यो की मंजूरी का काम शुरू हो चूका हैं.यह काम नगर रचना विभाग मार्फ़त किया जाता हैं.नगर रचना विभाग में विभाग के नियमानुसार सभी शर्ते/कागजाते पूर्ण करने के बाद भी नक्शा इसलिए मंजूर नहीं किया जाता क्यूंकि सम्बंधित विभाग को कमीशन नहीं प्राप्त हुआ होता।घर हो या फिर बिल्डिंग अर्थात जितना बड़ा बांधकाम उसके अनुसार नगर रचना विभाग जे JE मार्फ़त कमीशन वसूल की जाती हैं.नक्शा मंजूरी के लिए कम से कम नगर रचना विभाग लाख रूपए वसूलती हैं.

इसके बाद इसी मंजूरी का एक हिस्सा मनपा अग्निशमन विभाग NOC आदि देने के लिए कम से कम 50000 रूपए वसूल रही.

उक्त दोनों विभाग के सम्बंधित कर्मी ने नाम न बताने के शर्त पर जानकारी दी कि यह अवैध वसूली बगैर किसी का भी नक्शा मंजूर नहीं किया जाता,किसी ने कहीं से भी दबाव लाया तो उनके नक़्शे में खोट निकालने का सिलसिला शुरू हो जाता हैं,फिर उसे इतना परेशान किया जाता हैं कि वह खुद ब खुद घुस देने के लिए मंजूर हो जाता हैं.

उक्त अवैध वसूली का शेयर नीचे से ऊपर आला अधिकारियों में वितरित किया जाता हैं,जो अब परंपरा बन चुकी हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त अवैध कमाई के बाद भी उक्त दोनों विभागों के कर्मियों-अधिकारियों को 7 वां वेतन आयोग सिफारिश अनुसार वेतन भी चाहिए।

वित्त विभाग में काम बिना खर्च नहीं होता
वित्त विभाग में फाइल खोजने,फ़ाइल दिखाने,पहुँचाने ,पेंशन,सैलरी,ठेकेदारों का भुगतान,प्रस्तावों के लिए निधि आदि काम के लिए नगदी खर्च करनी पड़ती हैं.घुस का दर 50 रूपए से शुरू होता हैं और भुगतान फाइल का एक-डेढ़ % तक जाता हैं.इस दौरान कागज़/चेक तैयार करने वाले भी मनमाफिक वसूलते हैं.

पूर्व CE को दिया गया ‘सोना’
पूर्व CE के जायज/नाजायज सहयोग से तृप्त होकर उनके समर्थक मनपा ठेकेदारों ने उन्हें उनके तबादले बाद ‘सोना’ दिया।खर्च बड़ा था,इसलिए आजतक नए CE को दीपावली का तोहफा देने के नाम पर उक्त शातिर ठेकेदार अपने समीपस्थ ठेकेदारों से 5-5 हज़ार की वसूली कर रहे,ऐसा कुछ ठेकेदारों ने जानकारी दी,इनमें से कई ने हाथ खड़े कर दिए.

Advertisement
Advertisement