गड़चिरोली। मे. इगल सिक्युरिटी एण्ड पर्सनल सर्विसेस प्रा.लि. मुंबई की ओर से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत संपूर्ण महाराष्ट्र में कांन्ट्रेक्ट बेसिस पर 2298 वहीं गड़चिरोली जिले में 58 कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री आपरेटरों की नियुक्ती गई थी. लेकिन इन आप्रेटरों को गत 9 माह से मानधन नहीं मिला है. इस संदर्भ में विभिन्न मांगों का ज्ञापन पालकमंत्री राजे अम्ब्रीशराव को सौंपा गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मे. इगल सिक्युरिटी एण्ड पर्सनल सर्विसेस प्रा.लि. मुंबई की ओर से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत संपूर्ण महाराष्ट्र में कांन्ट्रेक्ट बेसिस पर 2298 वहीं गड़चिरोली जिले में 58 कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री आपरेटरों की नियुक्ती गई थी. उसमें से गडचिरोली जिले में हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपजिला अस्पताल, ग्रामीण अस्पताल स्तरपर गर्भवती माताओं की, नए जन्म हुए बच्चों की ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत आई निधी का निबटारा करने के लिए अप्रेल 2014 में आप्रेटरों की नियुक्ति की गई थी. लेकिन अभीतक इन डेटा एंट्री आप्रेटरों को मानधन नहीं मिला. जिससे कर्मचारियों पर भूखों मरने की नौबत आ पड़ी है. इस संदर्भ में कर्मचारियों जिलास्तर पर ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नही हुई.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान (एन.आर.एच.एम) ने मे. इगल सिक्युरिटी एंड पर्सनल सर्विसेस प्रा.लि. मुंबई का करार 31 अक्टूबर को रद्द किया. इगल सिक्युरिटी ने उच्च न्यायालय मुंबई में इस प्रकरण में मध्यस्थता याचिका दायर की. जिससे प्रकरण कोर्ट में प्रलंबित है. कोर्ट ने तारीख पर तारीख बढ़ाई है. इस वजह से सभी कर्मचारी 17 नवंबर से हड़ताल पर है.
गड़चिरोली जिला अौद्योगिक दृष्टी से पिछड़ा है. जिले में रोजगार भी नही है. जिससे गड़चिरोली जिले का विचार कर इगल सिक्युरिटी के माध्यम से सभी कान्ट्रेक्ट बेसिस पर पद नियुक्त किये गए. सभी आपरेटर्स इस निजी कंपनी पर निर्भर है. जिससे आज उनकी जीवनशैली धोके में पड गई है. सभी आप्रेटरों को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान (एन.आर.एच.एम) मे समाविष्ट करके और हमारे भविष्य को ध्यान में रखकर न्याय देने की मांग आप्रेटरों द्वारा की गई है.
अप्रैल 2014 से आज तक किसी भी कर्मचारी को मानधन नही मिला. हमारे अनुपस्थिति से माता और बच्चो का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. ऑनलाइन डाटा एंट्री से स्वास्थ्य सेविका को किस माता अथवा बच्चें को कौनसा डोस, इंजेक्शन, टिका किस तारीख को देना है, ये ऑनलाइन वर्कप्लान से पता चलता है. हमारे अनुपस्थिति से वर्कप्लान अभाव से स्वास्थ्य सेविका गर्भवती माता और नवजात शिशु तक पहुंच नही पा रही है. इस तकलीफ से माता और बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है. उक्त मांगों का ज्ञापन पालकमंत्री राजे अम्ब्रीशराव डाटा एंट्री ऑपरेटर संघटना ने सौंपा.