महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष ने 16 विधायकों पर कार्रवाई को लेकर अपने फैसले में आज कहा कि उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकालना गलत था. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के सामने पेश किया गया शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य होगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि, हमने चुनाव आयोग से पार्टी के संविधान की कॉपी मांगी. उन्होंने हमें उनके पास मौजूद संविधान की कॉपी मुहैया करवाई. सिर्फ यही संविधान चुनाव आयोग के पास मौजूद है.
चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा कि 2018 में संशोधित किया गया संविधान उनके रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है. इसलिए ठाकरे गुट की मांग कि 2018 के संशोधित संविधान को सही माना जाएगा, स्वीकार नहीं किया जा सकता. स्पीकर के पास भी पार्टी ने कभी कोई संविधान की कॉपी जमा नहीं की. इसलिए असली पार्टी कौन? यह तय करने के लिए चुनाव आयोग के पास मौजूद 1999 का संविधान ही योग्य माना जाए.