Published On : Tue, Oct 29th, 2019

महाराष्ट्र में सीएम पद की मांग पर अड़ी शिवसेना

नागपुर– महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम को आए पांच दिन बीत चुके हैं और यहां सरकार गठन को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है. शिवसेना लगातार बयानबाजी कर रही है तो वहीं बीजेपी संयम बरते हुए है. आज ही शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसका बाप जेल में है. उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ की और कांग्रेस की सीटों की संख्या भी बताई.

उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का हम पालन कर रहे हैं और कोई गठबंधन धर्म का पालन नहीं करता है तो यह उसकी बात है. हमारे पास और भी विकल्प है. हम सत्य की नीति पर का करते हैं. हम सत्ता के भूखे नहीं हैं. सत्ता के लिए लोकतंत्र का मर्डर करना नहीं जानते हैं.

Gold Rate
12 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,10,100 /-
Gold 22 KT ₹ 1,02,400 /-
Silver/Kg ₹ 1,28,300/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

उन्होंने कहा, ”यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसका पिताजी जेल में है. यहां हम हैं. हम नीति, धर्म और सत्य की बात करते हैं. यहां शरद पवार हैं, जिन्होंने बीजेपी के खिलाफ माहौल खड़ा किया और चुनाव लड़े. यहां कांग्रेस पार्टी है जिसके पास एक आंकड़ा है जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. महाराष्ट्र की राजनीति पेचीदा हो चुकी है.”

बता दें कि हरियाणा में बीजेपी को दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी का साथ मिला है और मनोहर लाल खट्टर दोबारा मुख्यमंत्री बने हैं. जेजेपी ने जिस दिन बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया उसे दिन दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को फरलो मिला और उसी के अगले दिन जेल से 14 दिनों के लिए बाहर आए. अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला में सजा काट रहे हैं.

हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं मिला है. हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों में बीजेपी को 40 सीटें मिली है. यहां सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है. 10 विधायकों वाली जेजेपी ने बीजेपी को चुनाव बाद समर्थन दिया और बीजेपी आसानी से सरकार बनाने में सफल हो गई.

महाराष्ट्र का गणित
वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी चुनाव पूर्व गठबंधन कर मैदान में उतरी. गठबंधन को बहुमत भी मिला. लेकिन पिछली बार के मुकाबले इस चुनाव में बीजेपी ने 17 कम सीटें जीती. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कुल 288 सीटों में 105 सीटें मिली है. 2014 के चुनाव में पार्टी ने 122 सीटों पर सफलता हासिल की थी.

शिवसेना की बात करें तो पार्टी को 56 सीटें मिली है और सरकार बनाने के लिए यहां 145 सीटों की जरूरत होती है. बीजेपी को कम सीटें मिलता देख शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग छेड़ दी. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का दावा है कि लोकसभा चुनाव से पहले उनकी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक में शाह ने वादा किया था कि विधानसभा में 50-50 के फॉर्मूले को लागू करेंगे. 50-50 के फॉर्मूले का मतलब है पांच साल के कार्यकाल में ढाई साल बीजेपी का और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा.

क्या है शिवसेना की मांग?
शिवसेना का कहना है कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को बीजेपी पहले ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाए और फिर ढाई साल के लिए फडणवीस मुख्यमंत्री बनें. वहीं बीजेपी साफ-साफ शब्दों में इससे इनकार कर चुकी है. पार्टी शिवसेना को उप-मुख्यमंत्री का पद देना चाहती है.

सीएम पद पर तकरार के बीच बीजेपी और शिवसेना दोनों ही निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर रही है. आज ही देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में विनोद अग्रवाल और महेश बाल्दी ने बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया. इससे पहले भी तीन विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया था. कम से कम चार निर्दलीय विधायकों ने शिवसेना को समर्थन देने का एलान किया है. विधानसभा चुनाव में 13 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.

Advertisement
Advertisement