बजट अधिवेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत मुम्बई के ही सभी 4 शिवसेना विधायकों ने मनपा की जर्जर स्थिति पर नागपुर मनपा को बर्खास्त करने के हेतु की गई अपील पर महापौर संदीप जोशी ने मनपा का पक्ष रखते हुए की विनंती
नागपुर: नागपुर मनपा के महापौर संदीप जोशी ने आज पत्र परिषद के माध्यम से कल 4 मार्च को महाआघाड़ी सरकार की तय रणनीति के तहत बजट अधिवेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत मुम्बई के ही सभी 4 शिवसेना विधायकों ने मनपा की जर्जर स्थिति पर नागपुर मनपा को बर्खास्त करने के हेतु की गई अपील की।जिसकी खबर नागपुर मनपा तक पहुंचते ही आज आनन-फानन में महापौर संदीप जोशी ने सरकार से विनंती की कि बेशक राजनीत करें लेकिन अकारण नागपुर मनपा को बदनाम न करें।
उन्होंने कहा कि आज ही उनकी नागपुर के कांग्रेसी विधायक विकास ठाकरे से चर्चा हुई,उनका भी कहना था कि महा आघाड़ी के इस हथकंडे से नागपुर शहर की बदनामी होंगी और यह ग़ैरकृत हैं।
जोशी ने आगे कहा कि नागपुर में 37 दिन पूर्व सब भली भांति चल रही थी,अचानक पूर्व आयुक्त बांगर के तबादले के बाद आर्थिक संकट आना,यह आरोप महज राजनीत से प्रेरित हैं। नए आयुक्त मूढ़े ने मनपा में कदम रखते ही सम्पूर्ण विकास कार्य ठप कर दिया,भुगतान रोक दी। और विगत आमसभा में आर्थिक परिस्थिति को लेकर दिए गए बयान का शब्द सह इस्तेमाल ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में किया जाना,यह कोई जाने-अनजाने में नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीत का हिस्सा हैं। मनपा द्वारा लिए गए कर्ज,मनपा का शेयर अन्य केंद्र व राज्य सरकार के प्रकल्पों के लिए नियमित भुगतान जारी हैं, इसके बावजूद इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने गर स्वीकार,अर्थात राज्य के सबसे बड़े पक्ष की उपलब्धियों से जलभुन कर किया जाने वाला खेल कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होंगी। जिस दिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया गया,उसी दिन आयुक्त स्वयं मुम्बई में थे,और एक मंत्री के साथ ठहाके लगाते उनका चित्र सार्वजनिक हुआ था,जबकि नागपुर में 37 दिन रहे,एक भी नागरिक,अधिकारी,कर्मी उन्हें इस कदर हँसते हुए नहीं देखा !
अगर सही मायने में मनपा आयुक्त को मनपा की आर्थिक स्थिति खराब थी टी उन्होंने महापौर,स्थाई समिति सभापति से सलाह-मशविरा करना उचित नहीं समझा। जोशी ने यह भी कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए प्रयत्नशील सभी विधायक एक ही पक्ष के और मुम्बई के हैं, जिन्हें नागपुर की ‘अबकड़’ नहीं पता,उनके कन्धों पर बंदूक रख गोली दागने का प्रयास किया जा रहा।यह सवाल स्थानीय पालकमंत्री,विधायक ठाकरे,मंत्री केदार,विधायक राजू पारवे ने उठाई होती तो बात समझी जा सकती थी और आर्थिक स्थिति खराब हैं तो सरकार द्वारा भेजे जाने वाले प्रतिनिधि रूपी अधिकारियों का दोष हैं, यह मनपा के 156 नगरसेवकों का नहीं।