Published On : Thu, Sep 7th, 2017

‘मरास’ की अपील पर राज्यमंत्री पाटील ने की सुनवाई

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Wockhardt
नागपुर: सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशों का पालन न करते हुए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा लीज की मूल बकाया राशि ४० करोड़ भरने के बजाय नागपुर सुधार प्रन्यास के आंकलन को चुनौती देते हुए राज्य सरकार के शहरी विकास मंत्रालय में अपील दायर की थी. जिस पर मुंबई स्थित अपील पर कल बुधवार दोपहर १२ से २ बजे तक शहरी विकास राज्य मंत्री रणजीत पाटील ने मैराथन सुनवाई की. सुनवाई के बाद अपील में शामिल सभी को अगले १५ दिन के भीतर लिखित बयान देने का निर्देश दिया. इसके बाद मंत्री अंतिम निर्णय देंगे.

सिटीजन फोरम इक्वलिटी के अध्यक्ष मधुकर कुकड़े की ओर उनके प्रतिनिधि अधिवक्ता तुषार मंडलेकर ने जानकारी दी कि सुनवाई के दौरान उन्होंने अपीलकर्ता के खिलाफ जानकारी देते हुए राज्य मंत्री रणजीत पाटील को जानकारी दी कि महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा के सन्दर्भ में नागपुर सुधार प्रन्यास का आंकलन एकदम सही है. मूल ४० करोड़ व ब्याज सहित १२३ करोड़ रूपए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा को नासुप्र में जमा कराना है, फिर लीज नवीनीकरण की शुरुआत होगी. नासुप्र ने यह आंकलन महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा द्वारा इसी परिसर में वर्ष २००२ में बेचीं गईं ९ दुकानें बेचीं गईं के बाद ‘सेलडीड’ के आधार पर वॉकहार्ड अस्पताल की जगह का बकाया लीज व जुर्माना तय किया गया.

बुधवार को हुई सुनवाई में सिटीजन फोरम इक्वलिटी के अध्यक्ष मधुकर कुकड़े की ओर उनके प्रतिनिधि अधिवक्ता तुषार मंडलेकर, महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा के वकील शांतनु व सभा के सचिव, सभा से जमीन खरीदने वाले मेघे की फर्म के वकील अधिवक्ता प्रकश मेघे, मेघे से लीज पर लेने वाले वॉकहार्ड अस्पताल समूह के वकील देवेंद्र चौहान, नासुप्र के वकील प्रशांत भंडारकर, शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी आदि उपस्थित थे. सुनवाई २ घंटे चली. सभी का पक्ष मौखिक सुनने के बाद राज्यमंत्री पाटील ने सभी को अगले १५ दिनों के भीतर उनका पक्ष लिखित रूप से देने का निर्देश दिया. इसके बाद मंत्री अंतिम निर्णय लेंगे.

– राजीव रंजन कुशवाहा