Published On : Tue, Jan 31st, 2017

माइन टूरिज्म और नागपुर दर्शन में नहीं है पर्यटकों की रुचि

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नागपुर:
नागपुर जिले में दर्जनों कोयला खदान हैं। इन खदानों को पर्यटन स्थल में रुपांतरित करने की सरकार की योजना पर फ़िलहाल बट्टा लगता दिखायी दे रहा है। यही हाल नागपुर दर्शन के नाम पर शुरु किए गए पर्यटन परियोजना का भी है। खनन पर्यटन यानी माइन टूरिज्म को शुरु किए चालीस दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) को सिर्फ दो बार ही खनन पर्यटन दौरे के आयोजन का सौभाग्य मिल पाया है। एक बार 15 और दूसरी बार 18 पर्यटक ही कोयला खदानों में घूमने का मन बना सके। नागपुर दर्शन परियोजना को कोई नामलेवा पर्यटक भी नहीं मिल पाया है।

उल्लेखनीय है कि भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो महीने पहले रेडियो पर की जाने वाली मन की बात कार्यक्रम में माइन टूरिज्म यानी खनन पर्यटन की संभावना को विकसित करने की बात कही थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ को अपने मन की बात बनाकर नागपुर जिले में ‘खनन पर्यटन’ की औपचारिक शुरुवात भी कर दी। मुख्यमंत्री फड़णवीस ने जिले की कोयला खदानों में होने वाले उत्खनन कार्य को पर्यटन अभिरुचि बनाने की कोशिश की। लेकिन नागपुर आने वाले पर्यटकों ने खनन पर्यटन में अत्यल्प रुचि दिखायी है। पिछले चालीस दिनों में एमटीडीसी को सिर्फ दो बार ही पर्यटन ट्रिप ले जाने का मौका मिला है। तीस सीटर बस में एक ट्रिप आयोजित की जाती है। लेकिन दोनों बार भी बस आधी खाली रह गयी।

यही हाल नागपुर दर्शन पर्यटन कार्यक्रम का है। आज तक एमटीडीसी को नागपुर दर्शन के लिए एक भी पर्यटक नहीं मिला है। पर्यटन से कमाई करने का इरादा रखने वाली फड़णवीस सरकार को तो फिलहाल निराशा का ही सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से खनन पर्यटन एवं नागपुर दर्शन कार्यक्रम को सही ढंग से प्रचारित नहीं किए जाने से पर्यटकों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं हो पा रही है। हालाँकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय होटलों के प्रतिनिधियों और पर्यटन व्यवसायियों के लिए निशुल्क पर्यटन की व्यवस्था भी की, लेकिन अब तक ढंग की बात नहीं बन सकी है।


इस संबंध में पूछे जाने पर एमटीडीसी के अधिकारियों ने नाउम्मीदी से इंकार करते हुए आशा जताई है कि आने वाले समय में खनन पर्यटन एवं नागपुर दर्शन में पर्यटकों में रुचि जरुर बढ़ेगी, क्योंकि हर नई बात को आत्मसात करने में जरा वक़्त तो लगता ही है। अधिकारियों ने मुंबई दर्शन कार्यक्रम को शुरु में मिले अत्यल्प प्रतिसाद का जिक्र करते हुए कहा कि आज मुंबई दर्शन के लिए अग्रिम बुकिंग कराई जाती है।

खनन टूरिज्म को अच्छा प्रतिसाद : हेडे

एमटीडीसी के क्षेत्रीय महाप्रबंधक हनुमंत हेडे ने नागपुर टुडे को बताया कि खनन टूरिज्म को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। विभाग ने पिछले ही हफ्ते दो बार ट्रिप आयोजित की, जिसमें क्रमशः 15 और 18 पर्यटकों ने कोयला खदान में जाकर उत्खनन कार्य को करीब से देखा-समझा। उन्होंने बताया कि इसके लिए वेस्टर्न कोलफ़ील्ड्स के नागपुर क्षेत्र की सिलेवाड़ा उपक्षेत्र की वलनी खदान का चयन किया गया है। इस भूमिगत खदान में कोयला उत्पादन के साथ मजदूरों के मनोरंजन का भी इंतजाम किया गया है, जैसे छोटा फुटबॉल मैदान, बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस कोर्ट, शतरंज एवं कैरम खेलने की सुविधा बनाई गयी है। पर्यटक इन आकर्षक पहलुओं को देखकर दांतों तले उंगलियाँ दबा लेते हैं। माइन टूरिज्म के लिए 18 वर्ष से ज्यादा उम्र का कोई भी नागरिक योग्य माना जाता है।


श्री हेडे ने बताया कि नागपुर दर्शन के अंतर्गत नागपुर शहर के मुख्य पर्यटन स्थलों जैसे दीक्षाभूमि, केंद्रीय अजायबघर, ड्रैगन टेम्पल, नागरधन, रामटेक मंदिर, उमरेड का हथकरघा उद्योग, तोतलाडोह, नागझिरा वन्यजीव स्थल आदि। नागपुर दर्शन की अनुमति हर उम्र के लोगों के लिए है।