Published On : Tue, Oct 29th, 2019

लॉन्ग टर्म टू व्हीलर इंश्योरेंस: फ़ायदे जो आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते

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आजकल के भीड़-भाड़ भरे रास्तों में अगर आपके पास टू-व्हीलर है तो आपको काफ़ी सहूलियत होती है। न केवल आप बिना भीड़ की फिक्र करे,झटपटकहीं भी पहुँच जाते हैं बल्कि आपको आने-जाने में एक कार जितना ज्यादा ख़र्चा भी नहीं करना पड़ता। ना ही आपको टू-व्हीलर के रख-रखाव में अधिक पैसे खर्चकरने पड़ते हैं।

इस कारण टू-व्हीलर्स सभीकाइतना पसंदीदा वाहन हैं। पर क्या आप जानते हैं कि टू-व्हीलर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुये, उनकी सुरक्षा की दृष्टि सेभारत सरकारने उनके लिए लॉन्ग-टर्म टू-व्हीलर इंश्योरंस लेनाअनिवार्य कर दिया है?जी हाँ,भारतीय मोटर वेहिकल्स एक्ट (Indian Motor Vehicles Act) के अंतर्गत, अब आपको अपने टू-व्हीलर के लिए एक वैलिड इंश्योरंस कवर रखना होगा।

कुछ समय पहले तक ज़्यादातर इंश्योरंस कंपनियाँ द्वारा प्रदान किए गए इंश्योरंस कवर को आपको हर सालरीन्यू करना पड़ता था। इस कारण काफी चालक अपने वाहन की इंश्योरंस पॉलिसी को रीन्यू करवाना भूल जाया करते थे और पॉलिसी लैप्स हो जाती थी।

लेकिन लॉन्ग-टर्म टू-व्हीलर इंश्योरंस के साथ बार-बार रीन्युवल की समस्या नहीं आती। भारतीय नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के निर्देशानुसार,अब आप इंश्योरर्स से लॉन्ग-टर्म इंश्योरंस प्लान खरीद सकते हैं, जिनकी प्लान-अवधि दो अथवा तीन साल की होती है। इसीलिए आपको हर साल पॉलिसी रीन्युवल के लिए भागदौड़ नहीं पड़ती है। आइए जानें लॉन्ग-टर्म इंश्योरंस पॉलिसी लेने के अन्य फ़ायदे क्या हैं –

लंबे समय तक सुरक्षा कवच
लॉन्ग-टर्म टू व्हीलर इंश्योरंस लेने का सबसे बड़ा फ़ायदा यही है कि आपको एक एक्स्टेंडेड पीरियड के लिए इंश्योरंस कवर मिल जाता है। इस तरह, अगर आपके वाहन किसी एक्सिडेंट में टूट-फूट जाता है या फिर चोरी हो जाता है, तो इंश्योरंस कंपनी आपके नुकसान की भरपाई करने में आपकी मदद करेगी। यही नहीं, अगर आपअपने इंश्योरंस प्लान के अंतर्गत ज़ीरो-डेपृसिएशन कवर (zerodepreciationcover) लेते हैं तो आपके वाहन के टूटे हुये पार्ट्स को रिप्लेस करने का पूरा ख़र्च इंश्योरंस कंपनी वहन करेगी।

पॉलिसी-लैप्स की फिक्र से छुटकारा
वाहनमालिक अच्छी तरह से जानते हैं कि टू-व्हीलर पॉलिसी लैप्स होने पर उसको रीन्यू कराना काफी मुश्किल हो जाता है। रीन्यूवल से पहले,इंश्योरंस कंपनी आपके वाहन की जांच कर उसकी IDV (इंश्योर्ड डेक्लेयर्ड वैल्यू) निर्धारित करती है, जिसके बाद आपकी पॉलिसी प्रीमियम का निर्धारण होता है। इस बीच अगर आपके वाहन में कुछ भी गड़बड़ होती है या कोई नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई आपको अपनी जेब से ही करनी होगी।
यही नहीं, पॉलिसी लैप्स होने के बाद, आपको या तो अधिक पॉलिसी प्रीमियम देना होगा या फिर बहुत कम IDV के अनुसार पॉलिसी का चयन करना होगा। ऐसे में लॉन्ग-टर्म इंश्योरंस पॉलिसी लेने पर आप हर साल रीन्यूवल करवाने के झंझट से बच जाते हैं, और समय आने पर आपको रीन्यूवल कराना हमेशा यादरहताहै।

अधिक नो क्लेम बोनस (NCB) डिस्काउंट
वार्षिक इंश्योरंस प्लान के अंतर्गत यदि आप एक वर्ष तक कोई क्लेम नहीं करते हैं, तो आप नो क्लेम बोनस के हक़दार बन जाते हैं और अगले रीन्यूवल पर आपको प्रीमियम राशि में डिस्काउंट मिलता है। लेकिन अगर आप क्लेम करते हैं, तो आप NCB प्राप्त नहीं कर सकते। दूसरी तरफ, लॉन्ग-टर्म इंश्योरंस प्लान लेने पर आप वार्षिक पॉलिसी के मुक़ाबले,अधिक NCB डिस्काउंट के हक़दार बनते हैं। यही नहीं, क्लेम करने कि स्थिति में NCB डिस्काउंट पूरी तरह लैप्स नहीं होता, बल्कि डिस्काउंट राशि थोड़ी कम हो जाती है।

लॉन्ग टर्म टू व्हीलर इंश्योरंस लेना है, एक समझदारी भरा निर्णय
लॉन्ग-टर्म टू व्हीलर इंश्योरंस लेना एक बेहद अक़्लमंद और फ़ायदे का सौदा है। न केवल आपको एक लंबे समय के लिए इंश्योरंस कवर की सुरक्षा मिलती है, बल्कि आप बार-बार पॉलिसी रीन्यूवल और लैप्स के झंझट से छुटकारा पा सकते हैं। IRDAI के निर्देशानुसार, लॉन्ग-टर्म इंश्योरंस लेने पर आपको वार्षिक पॉलिसी के मुक़ाबले,एक फ़िक्स्ड प्रीमियम रेट मिलती है, जो कि पूरे पॉलिसी टर्म के लिए एक ही रहती है, साल-दर-साल बढ़ती नहीं। लॉन्ग-टर्म टू व्हीलर इंश्योरंस लेने कि प्रक्रिया भी काफ़ी सरल है – केवल अपनी डिटेल्स भरें,कवरेज राशि का चुनाव करें, देय प्रीमियम का निर्धारण करें और पेमेंट करें।