Published On : Wed, May 6th, 2015

भद्रावती : शराब बंदी : एक माह में काफी बदलाव

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Liqour ban
भद्रावती (चंद्रपुर)। जिले में शराब बंदी को 1 माह हुआ है. शराब से समाज पर, परिवार पर हो रहे दुष्परिणामों को देखते हुए, एक माह में शराब से बाधित हर परिवार में जो सुखद अनुभव दिख रहा है, वो सिर्फ शराब बंदी से कहां जा सकता है. कोई भी व्यसन हो वो एक प्रमाण में होगा तो उसका परिणाम कुछ भी नही होगा. लेकिन उसका प्रमाण बढ़ेगा तो उसका दुष्परिणाम दिखाई देता है.

चंद्रपुर जिले में भी ऐसा दुष्परिणाम दिखाई दे रहा था. अनेक परिवार उजड़ रहे थे, आर्थिक स्थिति, मानसिक अशांतता, शारीरिक पीड़ा बढ़ रही थी. अनेक परिवार के कमाई करने वाले पुरुष शराबी बन गए थे. घर की महिलाओं को घर के बाहर निकालकर कमाने जाना पड़ता था. बच्चों की शिक्षा, नौकरी होकर भी गरीबी का जीवन जिना पड़ता था, चौक में सुबह शाम भीड़ रहती थी, कोई ब्याज से पैसे निकालता था, तो कोई घर का सामान बेचता था, कोई सड़क पर पड़ा रहता था, तो कोई खुद से बाते करते चलता था.

लेकिन जिले में शराब बंदी से 1 अप्रैल से 1 मई के समय में काफी बदलाव आया है. शराबी या शराब पिने वाला कोई नही दिख रहा. अब सभी ओर शांति दिखाई दे रही है. झगड़ो, दुर्घटना पर अंकुश, सुरक्षित यातायात, महिलाओं के चहेरे पर ख़ुशी का कारण शराब बंदी है. घर का पुरुष चुपचाप घर आता है. खाना खाता है और सो जाता है. घर में पैसों की आर्थिक स्थिति नियंत्रित हुई है. कुछ महीनों में उधारी, ब्याज वापस करके स्थिति बदलेगी. अनेकों ने 1 अप्रैल से शराब की एक बूंद भी नही चखी ऐसा अभिमान से कहां जा रहा है. कई लोगों को लग रहा था कि, शराब बंद होने से शरीर पर विपरीत परिणाम होगा. लेकिन ऐसा नही हुआ. लोग आत्महत्या का मार्ग अपनाएंगे इस तरह का डर भी दिख रहा था.

गौरतलब है कि आज भी चोरी छुपे जिले में शराब बिक्री कुछ प्रमाण में शुरू है. पिने वाले पी रहे है. लेकिन पुलिस प्रशासन इस पर नजर रखा हुआ है. कई लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. वहीं शराब बिक्री शुरू हो इसलिए शराब बिक्रेता अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे है. परिवार को चलाने के लिए यही एक व्यवसाय है ऐसा भी नही है, अनेक व्यवसाय ऐसे है जो अच्छे तरीके से चलाये जा सकते है. जिले में शराब बंदी से सुखद वातावरण निर्माण हुआ है.