नागपुर: नागपुर महानगरपालिका की स्कूल की व्यवस्था और हालत के बारे में हमने आपको बताने की कोशिश की और स्कूलों की हालत बदलने के लिए भी खबरों के माध्यम से प्रयास जारी है. अब तक देखी गई स्कूलों में बाबुलखेड़ा स्थित कुंजीलाल पेठ बाबुलखेड़ा मराठी प्राथमिक शाला की हालत काफी खराब और दयनीय दिखाई दी. प्रश्न यह उठता है कि मनपा का शिक्षा विभाग और स्थानीय नगरसेवकों को अब तक इस स्कूल की व्यवस्था और परिसर की खराब हालत क्यों नहीं दिखाई दी. जबकि स्कूल ऐसी जगह है जहां मुख्य सड़क से गुजरनेवाले राहगीरों को भी इस स्कूल की हालत देखकर अफ़सोस होता है. स्कूल बालवाड़ी से लेकर चौथी तक है. स्कूल में कुल मिलाकर 53 विद्यार्थियों में से 15 विद्यार्थी बालवाड़ी के हैं. स्कूल में कंप्यूटर कुछ वर्ष पहले थे, लेकिन अब नहीं है. स्कूल में 3 शिक्षक हैं. स्कूल में महीनों से चपरासी और सफाईकर्मी नहीं है, जिसके कारण स्कूल में सफाई भी कम ही होती है. स्कूल का परिसर काफी बड़ा है. लेकिन किसी भी विद्यार्थियों के खेलने के उपयोग का नहीं है.
स्कूल की इमारत और विद्यार्थियों के लिए सुविधा
स्कूल की इमारत को 50 वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है. जानकारी के अनुसार स्कूल की स्थापना 1950 में हुई थी. इमारत काफी पुरानी हो चुकी है. स्कूल में सफाईकर्मी के नहीं होने की वजह से शौचालय काफी गन्दा रहता है. विद्यार्थियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था तो है लेकिन शौचालय के पास ही पीने के नल लगे हुए हैं. इससे विद्यार्थियों को हर समय बीमारियों का खतरा बना रहता है. स्कूल की सुरक्षा क्षात्र लिए बनाई गई कम्पाउंड वाल काफी खराब हालत में है. यह दीवार कई जगह से टूट चूकी है. कई जगहों पर अतिक्रमण भी किया जा चुका है. स्कूल का मुख्य गेट भी पूरी तरह से टूट चुका है. स्कूल में विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों ही न के बराबर है. विद्यार्थियों को घर से स्कूल तक लाने और उन्हें छोड़ने के लिए स्कूल वैन लगायी गई है. उसका महीने का किराया स्कूल के लिए शिक्षक ही देते हैं. स्कूल में 7 कमरे हैं. जिसमें से 3 रूम में क्लास होती है. जबकि 3 रूम नाईट स्कूल के लिए है और एक में व्यसन केंद्र भी है. बाहर से स्कूल को देखने पर यह लगेगा भी नहीं कि अंदर विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. शिक्षा का दर्जा सुधारने का जिम्मा भले ही शिक्षकों का हो लेकिन स्कूल की इमारत, विद्यार्थियों के लिए सुविधा, स्कूल की व्यवस्था सुधारने का काम शिक्षा विभाग और महानगरपालिका का है. लेकिन इस स्कूल को देखने के बाद मनपा शिक्षा विभाग और स्थानीय नगरसेवकों की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है.
क्या कहते हैं स्कूल के इंचार्ज
स्कूल के इंचार्ज अरुण तुकाराम ढोबले से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में सफाईकर्मी नहीं है. चपरासी के लिए शिक्षा विभाग को पत्र दिया गया है. उन्होंने बताया कि स्कूल के कंपाउंड के लिए भी मनपा को जानकारी दी गई है. इंचार्ज का कहना है कि टोली और गरीब लोगों के बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं. जिसके कारण उनके लिए वैन लगायी गई है. वे खुद जाकर विद्यार्थियों को घर से लाने का काम भी करते हैं. स्कूल में भेजने की चिंता खुद बच्चों के पालक नहीं लेते हैं, जिसके कारण काफी परेशानी होती है.
स्थानीय नगरसेवक क्या कहते हैं स्कूल की व्यवस्था के बारे में
स्थानीय नगरसेविका विशाखा बांते ने बताया कि वे पिछले वर्ष ही यहां की नगरसेविका बनी हैं. स्कूल की हालत उन्हें पता है. इसके लिए उन्होंने मनपा में निवेदन दिया था. कुछ ही दिनों पहले टेंडर प्रक्रिया हो गई है. वर्कऑर्डर निकलेगा और स्कूल के कंपाउंड वॉल समेत शौचालय का निर्माणकार्य भी शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि एक महीने में कार्य शुरू हो जाएगा.
—शमानंद तायडे