मामले की जांच वह दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग
नागपुर: महानिर्मिती पावर प्लांट मे कोयला परिवहन के नाम पर करोडों रुपये की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है।इस प्रकरण की संपूर्ण जांच तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग प्रहार जनशक्ती के नेता एवं महादुला पंचायत के पार्षद मंगेश देशमुख ने की है। महानिर्मिती के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय खंडारे को प्रस्तुत ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि दोषी कंपनी मेसर्स:चंदा अणड कोली कंपनी पर व्लैकलिस्ट की कार्रवाई की जाए। कि ८/९/२०२१ की रात के दरम्यान कर कंपनी के टिप्पर में ३० मीट्रीक टन कोयला भरा हेरा-फेरी करते हुए पकडाया गया था।
हालांकि विधुत व्यवस्थापन की ओर से पुलिस मे इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई है।उन्होंने बताया जाता है कि गोंडेगांव-सिंगोरी ओपन कास्ट कोयला खदानों से कोराडी पावर प्लांट में परिवहन ठेका उपकरण प्रथम सहित अन्य फर्मों को दिया गया है।जिसके 28 सितंबर को रात्रि के दौरान कोयला से लदे परिवहन टिप्पर क्रमांक MH 22 A A3414 आया कि सूचना सुरक्षा विभाग को सूचना दी।जिसमे दूसरे वाहन का स्टीकर लगाया गया हुआ था।घटना की खबर मिलते ही सुरक्षा कर्मियों ने नम्बर प्लेट से स्टीकर निकाला गया तो टिप्पर का असली नम्बर MY 40 BG 0901 दर्शाया गया है।पावर प्लांट व्यवस्थापन द्वारा जांच-पड़ताल से पता चला कि MH 22 AA 3414 यह टिप्पर कोयला से भरा भानेगांव टी पाईंट पर खडा हुआ था।
टिप्पर क्रमांक का GPS उपकरण यह क्रमांक MH40 BG 0901मे चिपकाया गया था।जोकि टिप्पर क्रमांक MH-22,AA 3414 नंबर बदला गया था। जिसमे घटिया दर्जे का कोयला पाया गया था।इस प्रकार कोयला की अफरातफरी करके महानिर्मिती को 80 हजार रुपये का चूना लगाया जा चुका है। सबंधित परिवहन फ़र्म की जांच-पड़ताल शुरू है।इस प्रकरण की मुख्य सुरक्षा अधिकारी कर्नल राजीव मालेवार विधुत केंद्र के मुख्य अभियंता प्रकाश खंडारे के आदेश पर EE ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।महानिर्मिती मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक सुनियोजित तरीके से बिजली परियोजनाओं मे आपूर्ति किया जाने वाला वहूमूल्य कोयला की स्मगलिंग पिछले 2-3 सालों से शुरू है।बता दें कि ऊंचे स्पेशल गुणवत्ता के कोयले को निजी औधोगिक इकाईयों मे बेच दिया जाता है और घटिया माल महानिर्मिती पावर प्लांट में आपूर्ति किया जाता है। नतीजा घटिया कोयला आपूर्ति की वजह से बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
जिसका करोडों रुपये का नुक़सान महानिर्मिती को सहन करना पड रहा है। सूत्रों की मानें तो में रोड खापरखेड़ा की ट्रक-टिप्पर धारक फर्म को भी कोराडी पावर प्लांट में कोल परिवहन का ठेका प्राप्त है।इस प्रकरण का ठेका खापरखेड़ा तथा कोराडी पावर प्लांट में भी शुरु है।यह फर्म नियोक्ता जैन भी कोयला परिवहन के माध्यम से कोयला स्मगलिंग व तस्करी तथा श्रमिक शोषण के मामले में बुरी तरह बदनाम है। इसके अलावा अन्य कई कारनामों के लिए भी वह विख्यात माना गया है।
हालांकि पार्षद मंगेश देशमुख ने अपने ज्ञापन में इस बदनाम कंपनी का जरा भी उल्लेख नहीं किया है। गोपनीय सूत्रों की मानें तो मेसर्स:-चंदा अण्ड कोली कंपनी को हलाकान और व्लेकलिष्ट करवाने के लिए उक्त खापरखेड़ा की धूर्त्त फर्म नियोक्ता का मुख्य हाथ बताया जा रहा है।मामले की यदि कोल इंडिया कंपनी का सतर्कता आयोग ने जांच-पड़ताल की तो असलियत का फर्दाफास अवश्य हो सकता है।