Published On : Sat, Jun 19th, 2021

सफेदपोश टेंडर माफिया की गिरफ्त में खापरखेडा बिजलीघर

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– विवादास्पद ठेकेदार के पक्ष मे टेंडर पास करने की ड्रामेबाजी शुरु

नागपुर– महानिर्मिती के खापरखेडा बिजलीघर में विवादित टेंडर माफिया की कंपनी के पक्ष में निविदा पास करने की साजिशें शुरु है।

बताते हैं कि इस कोशिशों के पीछे कुछ सफेदपोश छुटभैये नेताओं की दिलचस्पी अधिक नजर आ रही है।नतीजतन इस पावर प्लांट के CE को हलाकान करके उन्हें हटाने तथा उनकी जगह वापस C.E. खंडारे को लाने का षडयंत्र जोरों पर शुरु है।

पता चला कि टेंडर माफिया BP ने कुछ स्थानीय नमूनों को सामने करके महानिर्मिती में अपनी पैठ मजबूत करना चाह रहा.

बताया जाता है कि निविदा स्पर्धा में उक्त ठेकेदार BP ‘एक तीर से तीन शिकार’ करने की फिराक में सक्रीय बतलाया जा रहा। निविदा विशेषज्ञों की माने तो यदि यह निविदा BP की कंपनी के पक्ष में जाता है तो मामला अधिक गहराएगा ,इसका नतीजा निविदा कमेटी के दो अभियंता सहित CE अर्थात मुख्य अभियंता का अन्यत्र तबादला सुनिश्चित है।

इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय के आदेश पर विवादित निविदा को तत्काल रद्ध करना पड़ सकता है। उधर गरीब व दलित श्रमिक शोषण और टेंडर में हेराफेरी करवाने के ज़ुर्म में BP पर ब्लैकलिस्ट की कार्यवाही हो सकती है।

इस निविदा ठेका को लेकर खापड़खेड़ा बिजली घर की निविदा कमेटी के समक्ष बड़ा ही धर्मसंकट उत्पन्न हो गया है।

समझा जाता है कि BP की कंपनी को ठेका दिलाने की दृष्टि से अन्य निविदाधारक ठेकेदारों को मनाने और समझाने की कोशिशें शुरु है। साथ ही सम्बंधित अधिकारियों और अभियंताओं खुद के स्वार्थपूर्ति हेतु लीन देखे जा रहे। स्थानीय छुटभैया सहित सभी अपनी-अपनी रोटी सेकनेमें लगे हुए हैं।
इस सबंध में बताते हैं कि ‘एश हैन्डलिंग प्लांट’ में रुपये 75 लाख की लागत से ट्यूब सेटलर इरेक्शन कार्यों की निविदा गत दिनांक 25 फरवरी 2021 को आमंत्रित की गई थी.

निविदा विशेषज्ञों के अनुसार ई- निविदा क्रमांकः-KHG/CPS/TN 0698 AHP-2 RF No:-3000016327/2021 का इस्टीमेंट और निविदा नियम और शर्तें BP की कंपनी को फायदा मिलने के हिसाब से तैयार किया गया था।

निविदा तकनीशियनों के मुताबिक ई-निविदा प्रपत्र में 500 मेगावाट पावर प्लांट के ‘एश हैन्डलिंग प्लांट में माडिफिकेशन एन्ड रेक्टिफिकेशन आफ वाटम एश ओवरफ्लो’, वाटर क्लैरिफिकेशन सिष्टम,का अनोखा कार्य दर्शाया गया है। यह सब एक वरिष्ठ तकनीकी अभियंता के दिमाग़ की उपज है।निविदा प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि 24 मार्च 2021 थी।

जिसे एक साजिश के तहत टेंडर ओपन करने मे 4 महीना विलंब किया गया है।ताकि BP की कंपनी ठेका मिलने में आसानी हो.

सूत्रों के मुताबिक BP के पक्ष निविदा पास करवाने के लिए ऊर्जा मुख्यालय प्रकाश बांद्रा मुंबई से एक दिग्गज अधिकारी का फोन पर सिफारिशें एवं दबाव डाले जाने की खबर है। हालांकि इस अधिकारी की करतूतों का नतीजा महानिर्मिती बिजली केन्द्रों का दिवाला पहले से ही निकल चुका है। नतीजतन तमाम बिजली घरों को सरकार निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने का सिलसिला शुरू हो चूका हैं.

इस सबंध में जानकारों का मानना है कि खापरखेडा थर्मल पावर प्लांट के कर्तव्यनिष्ठ एवं कुशल CE ने सभी प्रकार के दबाव पक्षपात और मतभेदों को भुला कर नैसर्गिक न्याय के पक्ष में निर्णय पर विचार करना चाहिए तथा ‘जस की तस’ निविदा ओपन किया जाना चाहिए।नियमों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया तो CE पर आंच नहीं आएगी।नियम के विरुद्ध जाकर टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई तो ‘एमओडीआई फाउंडेशन’ उच्च न्यायालय का दरबाजा खटखटाएगा।नतीजतन निविदा कमेटी सहित महानिर्मिती प्रशासन को लेने के देने पड़ सकते हैं।

BP ठेकेदार कंपनी के करीबियों का कहना हैं कि ऊर्जा मंत्रालय अधीनस्त ठेकेदारी करना अब और आसान हो चूका हैं,क्यूंकि उन्हें मंत्री के गुर्गे और सगे का पूर्ण सहयोग हैं.यहीं आलम रहा तो ऊर्जा विभाग अपनी अस्मिता खो देंगी ?