केरल के कथित लव जेहाद मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगर लड़की बालिग है, तो ऐसे मामलों में उसकी सहमति सबसे ज्यादा अहमियत रखती है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही NIA से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है, जो किसी को अपराधी से मोहब्बत करने से रोके.
इससे पहले NIA ने कोर्ट से कहा था कि अखिला उर्फ हदिया को बहका कर शादी करने वाला अपराधी है और उसने लड़की को इस कदर बरगलाया है कि वह सही निर्णय लेने की हालत में नहीं.
वहीं हदिया के पिता केएम का आरोप है कि केरल में समूह बना कर सुनियोजित ढंग से कट्टरता फैलायी जा रही है. युवाओं को बरगलाया जा रहा है. उनका ‘मनोवैज्ञानिक अपहरण’ किया जा रहा है.
इन दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 27 नवंबर तक टाल दी है और हदिया के पिता से अगली सुनवाई में उसे कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है.