Published On : Tue, Feb 2nd, 2021

बजट 2021में पर्यावरण के लिए क्या मिला,इसपर कौस्तुभ चटर्जी ने डाला प्रकाश

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नागपुर– इस साल का बजट पर्यावरण क्षेत्र के लिये मिला जुला रहा । पिछ्ले साल की तरह इस साल भी वायू प्रदूषण को प्राथमिकता दी गई एवं वायू प्रदूषण के रोकथाम के लिये 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के लिये 2217 करोड़ दिया गया है। इसी के साथ Vehicle Scrapping policy के अंतर्गत 20 साल से पुराने प्राइवेट गाड़ि एवं 15 साल पुराने कमर्शियल गाड़ियों का फिटनेस् टेस्ट अनिवार्य किया गया है। इसी के साथ उज्जवला योजना को और एक करोड़ लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

जल प्रदूषण के क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 4378 शहरों के 2.86 करोड़ घरों में पीने के पानी के सप्लाई एवं 500 अमृत शहरों में sewage treatment लगाने की घोषणा की गई है। नागपुर शहर भी अमृत शहर की सूची में शामिल है।

Renewable एनर्जी के क्षेत्र में Hydrogen एनर्जी मिशन के तहत ग्रीन पावर sources से hydrogen बनाया जायेगा । सोलर एनर्जी corporation को 1000 करोड़ एवं Renewable एनर्जी डेवलपमेंट एजेन्सी को 1500 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे ये पता चलता है की सरकार पेरिस अग्रीमेंट के प्रती सकारत्मक भूमिका निभा रही है।

स्वच्छ भारत मिशन मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, बजट में इसके लिये 5 साल के लिये 1.41 लाख करोड़ रुपए दिए गए है, जो सराहनीय है।

समुद्र के जैव विविधता के संरक्षण के लिये 5 साल के लिये 4000 करोड़ दिए गए है।

उमीद के विपरित इस बजट में जंगल व वन्य जीव संरक्षण, जल स्रोतों के शुद्धिकरण, तटीय जैव विविधता संरक्षण, e वेस्ट मैनेजमेंट एवं sustainable goals के बारें में कुछ खास नहीं है।