– रेलवे बोर्ड के आदेश से अधिकारियों में खौफ हुए नाराज
नागपुर – देश में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों (IAS, IPS) के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली से प्रेरणा लेते हुए रेलवे के कनिष्ठ अधिकारी भी अपने ‘रिपोर्टिंग ऑफिसर’ के कामकाज का मूल्यांकन कर सकेंगे।
इसके अलावा, समकक्ष अधिकारी भी एक-दूसरे के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे। 18 अगस्त को सूचना पत्र जारी करते हुए रेलवे बोर्ड ने कहा कि रेलवे ने अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) तैयार करते समय अधिकारियों की मल्टी सोर्स फीडबेक’ तैयार करने का निर्णय लिया है।
नपेंगे करीब 20,000 अधिकारी
अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक साल रिपोर्टिंग प्राधिकारी और संबंधित सभी अधीनस्थों को एक लिंक भेजा जाएगा। प्रस्तुत फीडबैक को अधिकारी के डेटा बेस में गुमनाम रूप से दर्ज किया जाएगा। फीडबैक की जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
अधिकारियों के एक वर्ग का कहना है कि ‘एपीएआर प्रणाली’ से न केवल भारतीय रेलवे में कार्य संस्कृति में फर्क पड़ेगा बल्कि कुछ अधिकारियों की स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति भी होगी। इस ‘एपीएआर’ के लिए करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे।
अधिकारियों ने उठाई उंगलियां
रेल अधिकारियों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और विक्रेताओं जैसे गैर-रेलवे व्यक्तियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए इस प्रणाली को और बढ़ाया जा सकता है। ‘फीडबेक’ दर्ज होने के बाद तीन या चार सदस्यीय समिति तय करेगी कि अधिकारी को पदोन्नत किया जाना चाहिए या नहीं।
उल्लेखनीय यह है कि अधिकारियों के लिए सिस्टम मौजूद है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि समिति के सदस्यों का मूल्यांकन कौन करेगा। गौरतलब है कि कई अधिकारियों ने इस बदलाव पर भी सवाल उठाया है।हाल ही में रेलवे ने आठ कैडर वाली भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा बनाई जिसके तहत रेलवे बोर्ड के महाप्रबंधक या अध्यक्ष बनने के नियमों में बदलाव किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2015 में नरेंद्र मोदी सरकार ने 360- डिग्री मूल्यांकन प्रणाली की शुरुआत की थी। इस फैसले के अनुसार, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट एक विशेषज्ञ पैनल की प्रस्तुतियों पर आधारित है जो सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के अलावा अधिकारियों के पूर्ण सेवा रिकॉर्ड और पिछली सभी वार्षिक रिपोर्टों की समीक्षा करेगा। इस प्रक्रिया के तहत, विशेषज्ञों का एक पैनल उम्मीदवार के सहयोगियों- वरिष्ठ और कनिष्ठ सहित अन्य लोगों के विचार को शामिल किया जाता है।