नागपुर: आईटीआई परीक्षा संबंधित मामले में उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच ने मंगलवार को वर्ष 2019 के अप्रैल माह से आईटीआई की परीक्षा आनलाइन पद्धति से लिए जाने के आदेश दिए हैं. न्या. रवि देशपांडे और न्या. विनय देशपांडे ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए आईटीआई परीक्षा का परिणाम जाहिर करने का अवसर प्रतिवादी को दिया है. राज्य के आईटीआई विद्यार्थी परिणाम को लेकर बड़ी आस लगाए बैठे हैं. इस निर्णय से अब रिजल्ट का मार्ग साफ हो गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब जल्द ही दूसरे और चौथे सेमिस्टर के परिणाम जाहिर किए जाने की संभावना है.
वर्ष 2015 में केन्द्र ने आईटीआई की आल इंडिया ट्रेड टेस्ट की (व्यवसायिक परीक्षा) दूसरे और चौथे सेमिस्टर की परीक्षा आनलाइन प्रक्रिया से लिए जाने की सूचना दी थी. इसके बाद महाराष्ट्र के व्यवसाय शिक्षण व प्रशिक्षण संचालनालय (डीवीईटी) ने 2018 में एक पत्र जारी कर राज्य की सभी संस्थाओं से जानना चाहा कि आनलाइन परीक्षा से कोई समस्या हो तो उसकी जानकारी डीवीईटी को बताई जाए. इसके बाद नागपुर, नाशिक और अमरावती की संस्थाओं ने परीक्षा संबंधित समस्या डीवीईटी के समक्ष रखी थी. समस्या पर विचार कर उन्हें आफलाइन परीक्षा लेने की अनुमति दी गई.
निर्णय पर आपत्ति दर्शाते हुए शैलेंद्र गुजर और कुणाल हुमने ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. परीक्षा के मौके पर स्थगिती देने पर विद्यार्थियों के लिए भारी समस्या निर्माण हो सकती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने व्यवसाय शिक्षण व प्रशिक्षण संचालनालय को आफलाइन परीक्षा के लिए अनुमति दी, लेकिन अगले आदेश तक परिणाम घोषित करने के लिए मना किया गया.
इस दौरान परीक्षा तो हो गई लेकिन रिजल्ट अब तक नहीं लग पाया. हाईकोर्ट ने आईटीआई के रिजल्ट जारी करने का अवसर देते हुए आईटीआई की सभी परीक्षा आनलाइन लिए जाने के आदेश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से एड. आनंद परचुरे, एड. तेजस देशपांडे और सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी ने पैरवी की.