Published On : Wed, Apr 18th, 2018

इस्कॉन : इम्पेरियन में नृसिंह यज्ञ एवं संत निवास का भूमि पूजन संपन्न

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Iskcon
नागपुर: अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा श्रील लोकनाथ स्वामी महाराज के सानिध्य में अक्षय तृतिया के पावन मुहर्त पर इम्पेरियन टाउनशिप में भव्य नृसिंह यज्ञ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ सुबह ७ बजे मिहान के पास इंटरनेशनल वैदिक कल्चरल सेंटर (आई.वी.सी.सी) की भूमि पर इस्कॉन के भक्तों द्वारा हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, इस हरे कृष्ण महामंत्र के कीर्तन से शुरू हुआ। आठ बजे कोल्हापुर निवासी सचिसुत प्रभु के आचार्यत्व में नृसिंह यज्ञ का प्रारम्भ हुआ। यज्ञ के पहले उन्होंने बताया कि नृसिंह भगवान बड़े कृपालु है। नृसिंह आरती की एक लाइन का जिक्र करते हुए कहा “तव कर कमल वरे नखाम अद्भुत श्रृंगा” भगवान नृसिंह देव जब भक्तों के सिर पर हाथ रखते है तब उनके हाथ तथा नाखून कमल की पंखुड़ियों के समान कोमल होते है लेकिन वो ही नाखून राक्षसी प्रवृति के हिरण्य कश्यपू को फाड़ डालते है। इस यज्ञ में १०८ यजमान आहुतियाँ डाल रहे थे।

यज्ञ के तुरंत बाद इंटरनेशनल वैदिक कल्चरल सेंटर (आई.वी.सी.सी) की भूमि पर संत निवास का भूमि पूजन श्री ल लोकनाथ स्वामी महाराज के हस्ते हुआ। उन्होंने सर्व प्रथम कलश से जल डाल कर भूमि का शुद्धिकरण किया उसके बाद कुदाल चला कर भूमि छेदन किया। इनके बाद परमेश्वर दास, कृष्ण करुणा दास उर्फ़ के। डी। पडोले, सिद्धार्थ सर्राफ, डॉ. श्यामसुंदर शर्मा, बृज बिलास दास, अनंतशेषदास आदि ने भी भूमि छेदन का कार्य कुदाल चला कर किया।

इस्कॉन के अर्केटेक्ट परमजीत सिंह आहूजा ने इस भूमि पर बनने वाले लोटस टेम्पल की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर गरुड़ जी के विग्रह एवं दोनों तरफ जय विजय होंगे। इनके सामने अम्फिथियेटर, गार्डन एवं पार्किंग होगी, मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर इंटरप्रीटेशन सेंटर होगा। फर्स्ट फ्लोर पर सेमिनार हॉल एवं ऑडिटोरियम, सेकंड फ्लोर पर प्रसादम हॉल एवं अंतिम फ्लोर पर भगवान के विग्रह एवं दर्शन मंडप होगा, दर्शनार्थियों के आने के लिये सीढियों के आलावा १२ लिफ्ट लगायी जाएगी तथा २ लिफ्ट प्रसादम एवं किचन के लिये सर्विस लिफ्ट अलग से होगी। मंदिर की कुल ऊंचाई १५० फीट होगी।

फायर आर्कर के मनेजिंग डायरेक्टर सिद्दार्ध सराफ ने कहा इस मंदिर का वाकथ्रू देख कर ऐसा लगता है यह मंदिर बहुत भव्य बनेगा एवं महाराष्ट्र में ही नहीं पूरे भारत में यह प्रतिष्ठित स्थान एवम् आकर्षण का केंद्र रहेगा। इनके आलावा न्यू टेम्पल प्रोजेक्ट कमेटी के चेयरमैन कृष्ण करुणा दास, अन्नामृत फाउंडेशन नागपुर के अध्यक्ष डॉ. श्यामसुंदर शर्मा, प्रभुपद के शिष्य एवं चमोर्शी मंदिर के अध्यक्ष परमेश्वर प्रभु, कौण्डिन्य पुर मंदिर के अध्यक्ष अक्रूर दास, नागपुर मंदिर के अध्यक्ष गौर कृष्ण दास, फ्रांस निवासी गोरांगी माताजी आदि ने भी अपने विचार रखे।

अंत में श्रील लोकनाथ स्वामी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा इस्कॉन के सिर्फ मंदिर ही नहीं होते वो विद्या मंदिर भी होते है। उन्होंने श्रील प्रभुपाद का एक पत्र जो नागपुर के बसंत नगर के निवासी आशीष रॉय को लिखा था जिन्होंने नागपुर में इस्कॉन का मंदिर बनाने की इच्छा प्रकट की थी उनको 1975 में लिखा हुवा पत्र पढ़ कर सुनाया और कहा यह पत्र सभी नागपुर वासियों के लिए है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्थ दास, नंद किशोर दास, विशालदास, अद्वैत आचार्य दास, सुदामा दास, अभय गोरांगदास, कपिल गुप्ता प्रभु, वांशिवदन प्रभु, दारूब्रम्ह प्रभु, अभिराम निताई दास, अमोघ लीला दास, घनश्याम दास, कृष्ण भक्त दास आज इत्यादि ने सहयोग किया।