नागपुर: पारदर्शी ढंग से एक टोल नाका संचालन पानेवाले कम्पनी के ठेकेदार को नागपुर के एक विधायक का फोन कॉल आता है और कहा जाता है कि उनके आदमी, उनके इलाके में टोल नाका नहीं चलने देंगे। इससे भी चौंकानेवाली बात यह है कि उस प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा पिछले सारे ठेकेदारों से उनके मन मुताबिक नाका काटे जाने के इतिहास को देखते हुए भी ठेकेदार प्रवीण पांडे ने इस तरह की उगाही को सिरे से इंकार करते हुए अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष करने की तैयारी दिखाई है। जाहिर है साफ सुथरे ढंग से व्यापार करने की चाहत रखनेवाले ठेकेदार, विरोध कर उस दबंग नेता से पंगा नहीं लेना चाहते।
लेकिन फिर भी इस आग्रह का दबंग नेता पर कोई असर नहीं पड़ा और टोल बूथ के खुलते ही फिर से धमकियां आने का सिलसिला शुरू रहा। गुंडे बदमाश आए दिन टोल प्लाजा के कर्मचारियों के साथ मारपीट करते। इन घटनाओं की शिकायत करने जब ठेकेदार पुलिस के पास पहुंचे तो कोई एक्शन नहीं लिया गया। इन सब से तंग आकर अंत में ठेकेदार प्रवीण ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी असहाय स्थिति से अवगत कराना चाहते हैं। खबर के साथ नीचे प्रधान मंत्री को लिखे गए खत के अनुसार वह नाम कोई और नहीं बल्कि जिले में कांग्रेस के एकमात्र विधायक दबंग नेता सुनील केदार का है। वे ना केवल कई बार चुनकर आए हैं बल्कि कृषि उत्पाद क्षेत्र में दबदबा रखनेवाले बाबासाहब केदार के इकलौते पुत्र हैं।
यह देखा जाना जरूरी है कि क्या धमकियों के जरिए ‘हफ्ते’ के रूप में 20 लाख रुपए (ठेकेदार के अनुसार मोलभाववाली रकम) की मांग का आरोप सही है या सुनील केदार को बदनाम करने की कोई साजिश है? यह जानने के लिए उनसे इन आरोपों पर प्रतिक्रिया जानने के िलए कई बार प्रयास किए गए लेकिन ना तो कॉल का ही कोई जबाव मिला और ना ही भेजे गए एसएमएस पर ही कोई प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। वहीं ठेकेदार प्रवीण वॉट्स अप मैसेजों और रिकॉर्डिंग्स के सबूत पास होने का दावा कर रहे हैं।
प्रवीण कहते हैं कि अगर ये सबूत पास नहीं होते तो मैं प्रधान मंत्री को खत लिखने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। मेरी सोचने समझने की क्षमता खत्म हो गई है। मैं एक व्यापारी हूं और अपना काम शांति से करना चाहता हूं। मुझे केवल धमकियां ही नहीं मिल रही हैं बल्कि मुझे बदनाम करने का प्रयास भी किया जा रहा है। मुझ पर निर्धारित राशि से अधिक टोल राशि वसूलने का आरोप लगाया जा रहा है। चलिए ठीक है देखते हैं, उन्हें आरोपों को सिध्द करने दो।