Published On : Sat, Dec 11th, 2021

इंटक विवाद निपटाने के लिए 2 गुट को आमंत्रण

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– तिवारी गुट को किया जा रहा नज़रअंदाज

नागपुर/दिल्ली – कांग्रेस प्रणीत मजदुर संगठन में अंतर्गत विवाद पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से शुरू हैं,इस दौरान कांग्रेस आलाकमान नींद में रही,जब ‘दूध फट गया,तो उसे सिलने का प्रयास’ करना शुरू की.वह भी प्रमुख तीसरे गुट(तिवारी) को नज़रअंदाज कर.आज-कल में जो समझौता के लिए एकीकरण बैठक होने वाली हैं,उसमें रेड्डी और ददई गुट को दिल्ली मुख्यालय में आमंत्रित किया गया हैं,जो अनिर्णय साबित हो सकती हैं,क्यूंकि आलाकमान चेहरे देख काम कर रही हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने इंटक विवाद निपटाने के लिए 2 सदस्यीय समिति गठित की.इस समिति का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने करीबी रेड्डी और ददई गुट को चर्चा के लिए आमंत्रित किया।तीसरे तिवारी गुट को नहीं आमंत्रण करना,इसकी सलाह रेड्डी ने खड़गे को दी होगी,ऐसा संदेह तिवारी गुट ने जताई।

इसके पूर्व भी अगस्त 2021 के दूसरे सप्ताह में खड़गे ने रेड्डी और ददई गुट के साथ बैठक की थी,जो अनिर्णय रही.दोनों गुट ने अपने असली होने सम्बन्धी कागजातें खड़गे और समिति के दूसरे सदस्य दिग्विजय सिंह को सौंपी थी.

खड़गे समिति की तीसरे गुट को नज़रअंदाजगी पर तिवारी गुट ने साफ़ किया कि समिति द्वारा तरजीह न मिलने से कोई बात नहीं,केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने उन्हें बतौर इंटक की प्रमुख गुट की मंजूरी दे चुकी हैं.

याद रहे कि गत माह के 28 नवंबर 2021 को ददई गुट प्रमुख ने सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति के दूसरे सदस्य दिग्विजय सिंह पर भी पक्षपात का मुद्दा लिखित रूप से उठाया था. दूसरी ओर रेड्डी गुट ने अपने गुट की कार्य समिति घोषित की,जिसका उद्धघाटन दिग्विजय सिंह ने किया था.फ़िलहाल ददई और रेड्डी गुट के प्रतिनिधि दिल्ली कुछ कर चुके हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि वर्ष 2001 में रांची में इंटक का अधिवेशन हुआ था,यहीं से विवाद शुरू हुआ.2004 में ददई दुबे धनबाद से लोकसभा चुनाव जीते थे,2006 में प्रणव मुखर्जी ने इंटक विवाद सुलझाने का प्रयास किया था.फिर 2016 में उच्च न्यायालय में ददई दुबे की याचिका के कारण JBCCI में इंटक की सदस्यता पर रोक लगा दी थी.अब जाके कांग्रेस आलाकमान जागी लेकिन तिवारी गुट को नज़रअंदाज कर इंटक की एकीकरण की असफल कोशिश कर रही.

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