Published On : Tue, Jan 16th, 2018

भारत के हाफिज सईद की तरह है भिड़े-एकबोटे : प्रकाश आंबेडकर

Prakash Ambedkar
नागपुर: भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को सरकार से संरक्षण प्राप्त होने का आरोप प्रकाश आंबेडकर ने लगाया है। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए भारिप-बहुजन महांसघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने कहाँ की मामले के आरोपी भिड़े और एकबोटे भारत के हाफिज सईद है जिन्हे सरकार से संरक्षण प्राप्त है। सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं ऐसे कई हाफिज सईद देश के विभिन्न राज्यों में है। इस घटना के बाद हमने दो हाफिज सईद को बेनकाब किया है। अब सरकार इन पर कार्रवाई करे। अगर सरकार इन्हे बचाएगी तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान जैसे हालत भारत में होंगे और इन्ही का कब्ज़ा देश में होगा।

1 जनवरी को जो कुछ भी भीमा कोरेगांव में हुआ उसके पीछे मनोहरपंत भिड़े और मिलिंद एकबोटे का हाँथ था। यह बात सार्वजानिक है बावजूद इसके सरकार इन्हे बचा रही है। सरकार हिंदू संघर्ष को जानबूझकर बढ़ावा दे रही है। पहले हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-ईसाई के बीच संघर्ष होते थे। लेकिन अब हिंदुओं में ही आपस में संघर्ष की स्थिति बन गई है। 1 जनवरी को भीमा कोरेगांव में शौर्यस्तंभ को सलामी देने पहुँचने वाले लोग हिंदू थे। जिन पर हिंदुओ ने ही हमला किया। देश में दो तरह के हिंदू संगठन है। जिसमे से एक संगठन लोगों के बीच जाते है जबकि दूसरे संगठन के लोग अपने विचारों को दुसरो पर थोपते है। इसी दूसरे संगठन के लोग हिंसा पर उतर आये है और हिंदुओ को ही निशाना बना रहे है। हमला करने वाले कट्टर हिंदू थे, जो मनोहरपंत भिड़े और मिलिंद एकबोटे से प्रभावित थे।

घटना के बाद महाराष्ट्र बंद के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों का भारी नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई की उठाई जा रही मांग पर आंबेडकर ने कहा कि एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव में निर्दोष और निहत्थों पर हमला कर जिन्होंने नुकसान किया, उसकी भरपाई कौन देगा। उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाँथो लेते हुए कहाँ की उस दिन सारे मीडिया वाले शांत रहे। दूसरे दिन जब प्रतिक्रिया हुई तो मीडिया ने दिखाना शुरू किया। उन्होंने सीधे-सीधे इसके लिए मीडिया को भी जिम्मेदार माना। आंबेडकर के मुताबिक सरकार बौद्ध व दलितों को गिरफ्तार कर रही है। लेकिन भिड़े-एकबोटे की गिरफ्तारी को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है।

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उन्होंने कहा कि सरकार ने भीमा-कोरेगांव की घटना के बाद न्यायिक आयोग की घोषणा की थी। आयोग के मार्फत इस पूरे मामले की जांच करने वाला थे। लेकिन आज तक आयोग का गठन नहीं हुआ। गठन ही नहीं हुआ तो फिर जांच कैसे होगी। आंबेडकर ने मंगलवार को नागपुर विविध संगठनों के साथ चर्चा भी की।

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