नागपुर: मिहान में रोज़गार निर्माण और कंपनियों द्वारा अपने उद्योग शुरू करने को वैसी सफलता नहीं मिल पायी है जैसी उम्मीद व्यक्त की जा गई थी। बीते चार वर्षो में लगभग ढ़ाई हज़ार प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उपलब्ध हुए है और मिहान के अस्तित्व में आने से लेकर अब तक 10 हज़ार रोज़गार उत्पन्न हुए है।
इंफोसिस, टीसीएस को छोड़ दिए जाने तो ख्यातिमान बड़ी कंपनियों ने मिहान में ख़ास दिलचस्पी नहीं ही दिखाई है। वर्त्तमान में मिहान और एसईज़ेड ( स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन ) में 102 कंपनियां शुरू है और बीते चार वर्षो में 30 कंपनियों ने अपना संचालन शुरू किया है। जानकारों की माने तो मिहान में इनवेस्टरों द्वारा रूचि न दिखाने की बड़ी वजह आर्थिक मंदी रही।
बड़े औद्योगिक समूह अब भी आर्थिक मंदी के दौर में हुए नुकसान से उभर नहीं पाये है। जिस वजह से निवेश को लेकर उनकी दिलचस्पी मौजूदा वक्त में भी कम ही है। कई ऐसी भी कम्पनिया है जिनके द्वारा ज़मीन तो खरीदी गई लेकिन काम शुरू नहीं किया गया। सरकार के निर्देश के बाद ऐसी कंपनियों को नोटिस भी जारी किया गया लेकिन इसके बावजूद भी स्थिति में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला।
मिहान प्रशासन द्वारा स्थानीय और छोटी कंपनियों को मिहान और एसईज़ेड में रिझाने का प्रयास किया गया लेकिन इसमें भी कोई ख़ास सफ़लता नहीं मिली। मिहान में कुल 10 हज़ार एकड़ ज़मीन है जिसमे से 1300 हेक्टर ज़मीन एसईज़ेड में आती है जिसमे से 1 हज़ार एकड़ जगह अब भी ख़ाली पड़ी है।