नागपुर : पवित्र माघ मास में गुप्त सारस्वत नवरात्रि के शुभ अवसर पर नागपुर अंतर्गत नेताजी नगर साईं नगर कॉलोनी में स्थित वृंदावन धाम में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के आयोजक एवं यजमान स्नेहा – मनीष मिश्रा के द्वारा दिव्य अनुष्ठान का आयोजन किया गया है। देवी भागवत कथा के मर्मज्ञ श्रद्धेय नंदकिशोर जी पांडेय के द्वारा श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के आध्यात्मिक अनुष्ठान के द्वितीय सोपान पर नारद व्यास संवाद,हयग्रीव अवतार की कथा,मधु -कैटभ वध का प्रसंग एवम् शुकदेव -जनक संवाद आदि रोचक कथाएं कही गई।
देवर्षि नारद संवाद के माध्यम से कथा की महत्ता प्रतिपादित की गई। पूज्य व्यास ने कहा कि कोई भी अनुष्ठान भाव की संपन्नता से फलीभूत होते हैं। पूज्य व्यास जी ने कहा कि कथा सुनने का सार यह है कि आप अपने आप को जागृत करें अपने अंतःकरण में दिव्यता प्रकट करे।उन्होंने कहा कि मां की पूजा करने वाला करुणा का पात्र होता है। मां की पूजा करने वाला कभी अपने माता-पिता को वृद्ध आश्रम में नहीं भेजता, मां की पूजा करने वाला कभी भ्रूण हत्या नहीं करता है।
पूज्य व्यास जी ने कहा कि मां की महिमा बहुत निराली है। उन्होंने बहुत ही मधुर एवम् करुणामई वाणी से मां शब्द की व्याख्या की।व्यास जी ने कहा कि मां शब्द में सारा संसार समाया हुआ है।जीव व ब्रह्म को उदर में धारण करने वाली एक मां ही है जो परमसत्ता की अत्यंत समर्थ, कोमल,वात्सल्य एवम् करुणामई अभिव्यक्ति है। मंत्रदृष्टा ऋषिकाओं से लेकर आधुनिक भारत के सृजन में मातृ सत्ता मां का ही अतुलनीय योगदान है।पूज्य व्यास जी के द्वारा जनक सुकदेव संवाद का व्याख्यान करते हुए मां भगवती की अनेक रोचक कथाओं का श्रवण कराया गया। आज की कथा में आरती की झांकी में वृंदावन धाम के बाल गोपालो के द्वारा राधा कृष्ण के स्वारूप में दर्शन कराना बहुत ही आकर्षण का केंद्र रहा।
आज की कथा समाप्ति के बाद नागपुर के मशहूर भजन गायकों के द्वारा एक से बढ़कर एक भक्तिमय भजन प्रस्तुत किए गए।जिसमे लोगो ने बड़े भाव के साथ भजन का आनंद लिया।इस अवसर पर नगर वासी नर एवम् नारी शक्तिया,बाल गोपाल, वयोवृद्ध,विप्रगण,आचार्यगण सहित अनेक श्रद्धालु एवम् विभूतियां उपस्थित रहे।
कथा के आयोजक एवं यजमान स्नेहा -मनीष मिश्रा ने अगले दिनों की कथा का आनंद लेने के लिए भक्त श्रद्धालुओ से ज्यादा से ज्यादा तादाद में शामिल होने के लिए अपील की है।