Published On : Wed, Jul 19th, 2017

अवैध कब्जा : सरकारी सड़क हजम कर गया हिमगिरी बिल्डकॉन समूह, अधिकारी मौन

रिचमंड ग्रीन का मुख्य द्वार

नागपुर: नागपुर शहर-जिले में भवन निर्माताओं द्वारा सरकारी जमीन, सरकारी सड़क हड़पने व मंजूर नक़्शे से ज्यादा निर्माणकार्य करने का चलन शुरू हो गया है. इस ग़ैरकृत में सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत होने से न सरकारी जमीन मुक्त होती है और न ही हड़पने वाले पर कानूनी कार्रवाई होती है. जाने-अनजाने में इसका हर्जाना घर, फ्लैट, प्लाट के खरीददार को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला नागपुर टुडे के समक्ष आया. वह यह कि कोराडी रोड पर प्रभाग १ अंतर्गत ‘रिचमंड ग्रीन’ नामक आलीशान कॉलोनी का निर्माता ने सरकारी सड़क के साथ साथ सह २ प्लाट को घेर कर चारदीवारी खड़ा कर अपने कब्जे में ले लिया है. इसकी अनेकों दफा नागपुर सुधार प्रन्यास व सिटी सर्वे विभाग में शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

डकार गए निजी प्लाट
ज्ञात हो कि दिल्ली ( के-१,ग्रीन पार्क एक्सटेंशन,हौज़ खास,नई दिल्ली-११००१६ ) की हिमगिरी बिल्डकॉन एंड इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड समूह द्वारा मौजा टाकली के खसरा क्रमांक १३० का १००० वर्ग मीटर व १३१ पूरा सह खसरा क्रमांक १३० व १३१ के मध्य की शासकीय सड़क हथिया कर उक्त सम्पूर्ण जमीन को चारदीवारी से घेर लिया है. इरोज सोसाइटी के प्लाट क्रमांक १ एवं प्लाट क्रमांक २ का आधा हिस्सा हथियाकर और धीमी गति से ग्राहकों को रिझाने के लिए लगभग ६-७ वर्ष पूर्व निर्माण कार्य शुरू किया। उक्त सड़क ४० फुट का है, साथ ही प्लॉट क्र. १ १२०० वर्ग फुट और प्लाट क्र. २ का लगभग आधा हिस्सा आज भी उक्त बिल्डर के कब्जे में है.प्लाट क्र. १ अम्बिका प्रसाद शुक्ला व् प्लाट क्र. २ पुरुषोत्तम रामबहादुर मिश्रा के हैं। इन्होनेवर्षो पूर्व यह जगह इरोज सोसाइटी से खरीदी थी.

इरोज सोसाइटी का नक्शा

प्लाटधारकों को धमकी
लगभग ४ वर्ष पूर्व उक्त दोनों प्लॉटधारकों को स्थानीय नागरिकों ने जानकारी दी कि उनका प्लाट उक्त बिल्डर ने हथिया कर चारदीवारी खड़ी कर ली है.लगभग २ साल पूर्व उक्त दोनों प्लॉटधारक उक्त बिल्डर की स्कीम की देखभाल करने वाले गोयल से मिले और उनसे निवेदन किया कि या तो जमीन का बाजार भाव देकर खरीद लो या फिर अपने कब्जे से जमीन को मुक्त कर दो. इस सुझाव से सकपकाए गोयल ने दोनों प्लॉटधारकों को अपनी जमीन कहकर खदेड़ दिया।

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ओरिजिनल गांव नक्शा

‘डिमार्केशन’ का आश्वासन
दोनों प्लॉटधारकों ने प्लॉट के डिमांड भी भरे थे. प्लाट क्र. १ को ‘आरएल’ लेटर नहीं मिला जबकि प्लाट क्र. २ को मिल गया था। प्लाटधारक १ के ‘आरएल’ लेटर के लिए दोनों प्लॉटधारक नागपुर सुधार प्रन्यास पहुंचे,तो सम्बंधित अधिकारी ने उन्हें ये कहकर चौंका दिया कि ये प्लॉट उनके नाम पर है ही नहीं। वे नासुप्र विश्वस्त भूषण शिंगणे से मिले और अपनी व्यथा सुनाई। शिंगणे ने सम्बंधित विभाग के अधिकारी धनकर को बुलाया तो इन्होंने भी शिकायतकर्ता को नकारात्मक जवाब दिया। उक्त अधिकारी के जवाब सुन तमतमाए शिंगणे ने नासुप्र प्रशासन को निर्देश देकर उक्त प्लॉटधारकों के आक्षेप अनुसार बिल्डर द्वारा कब्जे में ली गई सरकारी सड़क व् इरोज सोसायटी की जमीन की गणना करने हेतु सिटी सर्वे में १७ अक्टूबर २०१६ को १९५००० रूपए जमा करवाए। सिटी सर्वे विभाग के चोके के नेतृत्व में नवम्बर माह में उक्त बिल्डर के प्रतिनिधि,इरोज सोसाइटी के मालिक,शिकायतकर्ता दोनों प्लॉटधारकों और आसपास के कुछ प्लॉटधारक/रहवासी की उपस्थिति में सरकारी सड़क एवं इरोज सोसायटी की जमीन की गणना की गई. तत्पश्चात सिटी सर्वे के चोके ने मौखिक जानकारी दी थी कि सरकारी सड़क व् इरोज सोसायटी का प्लाट क्रमांक १ व प्लाट क्रमांक २ का आधा हिस्सा चारदीवारी के भीतर है. अगले १० दिनों के भीतर ‘डिमार्केशन’ कर देंगे।

कोराडी चुंगी नाका से नारा रोड को टच करने वाला ४० फुट का सरकारी पांदन

फाइल दबाकर बैठे अधिकारी
विडंबना यह है कि आज ८ माह बीत चुके हैं. सिटी सर्वे के साथ-साथ नासुप्र के सम्बंधित अधिकारी टालमटोल रवैया अपना रहे है.गत शनिवार को सिटी सर्वे में उक्त दोनों प्लॉटधारक विभाग के अधिकारी कडु से मिले,उन्होंने मामले की गंभीरता को देख चोके को फटकार लगाई तो चोके ने सोमवार १७ जुलाई २०१७ को गणना के कागजात देने का आश्वासन दिया लेकिन सोमवार को चोके नदारद पाए गए.

रिचमंड ग्रीन के कब्जे की जमीन

इससे यह साफ़ है कि जिला प्रशासन,सिटी सर्वे,नासुप्र,राजस्व विभाग,मनपा आदि बड़े-बड़े भवन निर्माताओं को शह दे रही है इसलिए वे सरकारी जमीन, सरकारी सड़क, पब्लिक यूटिलिटी की जगह सहित आसपास के गरीब प्लॉटधारकों की जमीन कब्ज़ा करने का सिलसिला जारी रखे हुए है.

क्षुब्ध उक्त प्लॉटधारकों ने जिलाधिकारी से चोके व नासुप्र सभापति से सम्बंधित विभाग प्रमुख को निलंबित करने की मांग की है, समय रहते उक्त समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो जिला प्रशासन व नासुप्र प्रशासन के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाने की जानकारी दी है. इस सूरत में नुकसान की जिम्मेदारीउक्त दोनों विभाग प्रमुखों की होगी।

कोराडी रोड से शुरू होता है सरकारी पांदन

नासुप्र ने इरोज सोसाइटी व सरकारी पांदन की गणना के लिए सिटी सर्वे में भरी रकम की प्रत

प्लाट क्रमांक १ का डिमांड लेटर

प्लाट क्रमांक २ का ‘आरएल’ लेटर

रिचमंड ग्रीन के पीछे की गली व पिछले हिस्से की चारदीवारी (2)

रिचमंड ग्रीन के पीछे की गली व पिछले हिस्से की चारदीवारी

– राजीव रंजन कुशवाहा

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