Published On : Mon, Jan 16th, 2017

मेयो की डीन डॉ. मीनाक्षी गजभिए 15 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार

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ACB trap of IGGMCH Dean Dr Meenakshi Induprakash Gajbhiye (Wahane) and Vijay Uditnarayan Mishra
नागपुर:
एंटी करप्शन ब्यूरो की नागपुर शाखा ने आज एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (मेयो) की अधिष्ठाता डॉ. मीनाक्षी गजभिए को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। डॉ. गजभिए ने दवा विक्रेता के बिल के निपटारे के लिए 15 हजार रुपए बतौर रिश्वत मांगे थे और यही रिश्वत लेते हुए वह एसीबी के जाल में फंस गईं। उनकी गिरफ्तारी से नागपुर के अकादमिक एवं चिकित्सा क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है।

नागपुर टुडे को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता दवा विक्रेता ने मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में दिसंबर 2016 में 2 लाख, 94 हजार, 660 रुपए की दवा की आपूर्ति की थी। विक्रेता अपने बिल को पास कराने के लिए बार-बार अधिष्ठाता डॉ. गजभिए के दफ्तर के चक्कर लगा रहा था। डॉ. गजभिए ने उससे बिल पास करने के एवज में 15 हजार रुपए नकद की मांग की। दवा विक्रेता रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने एसीबी के स्थानीय कार्यालय से संपर्क किया।

एसीबी ने जाल बिछाकर 15 हजार रुपए के चिन्हित नोट दवा विक्रेता को बतौर रिश्वत देने के लिए दिए, लेकिन अधिष्ठाता डॉ. मीनाक्षी गजभिए ने दवा विक्रेता से सीधे रिश्वत का लिफाफा न लेते हुए अपने कॉलेज में मेस चलाने वाले विजय उदितनारायण मिश्रा से रिश्वत का लिफाफा स्वीकार किया।
डॉ. गजभिए के रिश्वत लेते ही एसीबी ने दबिश दी और उन्हें और मेस चालक मिश्रा को गिरफ्तार कर तहसील थाने ले जाकर उन दोनों पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 7, 12, 13 (1) (ड) उप धारा 13 (2) की तहत अपराध दर्ज किया।

एसीबी की यह कार्रवाई अधीक्षक संजय दराड़े के मार्गदर्शन में एसीबी गोंदिया तथा वर्धा के अधिकारियों उप अधीक्षक दिनेश ठोसरे, पुलिस निरीक्षक प्रमोद घोंगे, निरीक्षक मोनाली चौधरी एवं सिपाहियों रंजीत बिसेन, दिगंबर जाधव, नितिन राहंगडाले, वंदना बिसेन, देवानंद मारबते, गजानन गाडगे और पल्लवी बोबड़े ने अंजाम दी।