आमने-सामने बैठ आरोपों पर चर्चा करने का आवाहन किया चौधरी ने

बावनकुले ने सही कहा कि मैं छोटा आदमी हूं,सच्चाई भी छोटी होती है और जब विस्फोट होता है,तब बड़ी हो जाती है.जब मैं भाजपा में था,तब पंचायत समिति सदस्य चुनकर आने के बाद पेंच से नागपुर शहर में पानी लाने हेतु पारशिवनी,कामठी,सावनेर,नागपुर तहसील के किसानों की जमीन अधिग्रहण किया जा रहा था.इस अधिग्रहण कार्य के दौरान किसानों को बाजार भाव के मूल्य के बजाय मामूली मुआवजा दिया जा रहा था.किसानों के हितार्थ मैंने आंदोलन करते हुए १६-१७ दिन पाइपलाइन बिछाने का काम रोकवा दिया था.इसके बाद विधायक बावनकुले के साथ नितिन गडकरी मेरे घर आये थे,लेकिन उनके शर्तो के हिसाब से मैंने समझौता न करते हुए किसानों के हित में डटा रहा,नतीजा यह हुआ कि मेरी पंचायत समिति की सदस्यता रद्द करवाकर,सार्वजानिक तौर पर सूचना दिलवा दी कि मुझे भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है.इसके बाद मैं एनसीपी नेताद्वय अनिल देशमुख व अजीत पवार का नेतृत्व स्वीकारते हुए एनसीपी में प्रवेश किया।
चौधरी ने ताना कसते हुए कहा कि बावनकुले को अभिमान है कि वह बहुत बड़ा और शक्तिशाली है,जबकि यह सच्चाई है कि वर्ष १९९६ में रहने के लिए घर नहीं था.आज अनगिनत संपत्ति का अघोषित मालिक है.
मैंने जितने भी आरोप लगाये है,सभी के सभी मुद्दों का कागजी सबूत मेरे पास है,आमने-सामने बैठ जाये तो कौन कितने पानी में है,जनता-जनार्दन के समक्ष सार्वजानिक हो जायेगा।
चौधरी ने आगे कहा कि बावनकुले का कारनामा परत-दर-परत सार्वजानिक कर रहा हूं,फिर आंदोलन कर सरकार से न्याय की गुहार लगाऊंगा,कभी तो न्याय मिलेगी।
उधर कोराडी के एक सूत्रों के अनुसार बावनकुले उक्त प्रकरण काफी सकते में है,उसने अपने परिजनों को काफी भला-बुरा कहते हुए कहा कि और मुझसे झूठे प्रमाणपत्र बनवाओ, नौकरी पाओ.मंत्री बनाने में तुम सब का कोई योगदान तो नहीं रहा,लगता है पदमुक्त करवाने में हाथ जरूर रहेगा।
– राजीव रंजन कुशवाहा

 
			

 







 
			 
			
