Published On : Wed, Sep 13th, 2017

नेट परीक्षा की ऑनलाइन प्रक्रिया में एरर के कारण सैकड़ो विद्यार्थी हो सकते हैं परीक्षा से वंचित

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नागपुर:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी -नेट ) 2017 की नवंबर में परीक्षा होनी है. यूजीसी- नेट जूनियर रिसर्च फेलोशिप एंड एलिजिबिलिटी फॉर असिस्‍टेंट प्रोफेसर (जेआरएफ ) के लिए आवेदन की आखरी तारीख 11 सितम्बर थी. लेकिन नेट की वेबसाइट में लगातार होनेवाले सर्वर की परेशानी ने आवेदन के आखिरी दो दिनों में विद्यार्थियों को परेशानी में डाल दिया. जिसके कारण विद्यार्थियों ने फॉर्म भरते समय चार चरणों में से तीन को तो पार कर लिया. लेकिन जब कन्फर्मेशन प्रोसेस की जा रही थी तो सर्वर में समस्या आने से शहर के सैकड़ों विद्यार्थी इससे वंचित रह जाएंगे.

नेट फॉर्म ऑनलाइन भरते समय तीसरी प्रोसेस में फीस भरने का ऑप्शन था. जिसमें विद्यार्थियों को डेबिट कार्ड, अकॉउंट से ऑनलाइन फीस के पैसे भरने थे. तीसरी प्रोसेस करते समय उनके पैसे तो कट गए. लेकिन उनकी आगे की प्रोसेस पूरी नहीं हो पाई. इस कारण पैसे भरने के बाद भी विद्यार्थियों को अब यह पता नहीं चल पा रहा है कि उनका फॉर्म कन्फर्म हुआ या नहीं.

नेट के ऑनलाइन फॉर्म भरते समय सर्वर में एरर आने की शिकायतें नागपुर टुडे की ओर से ही सबसे पहले प्रकाशित की गई थी. सर्वर डाउन होने की वजह से जो विद्यार्थी आखरी दिन तक फॉर्म नहीं भर सके. ऐसे में उन्हें अब यह डर सताने लगा है कि वे अब परीक्षा दे पाएंगे या नहीं. यूजीसी की ओर से नेट की परीक्षा साल में एक बार लेने के निर्णय के कारण भी जेआरएफ के लिए कई ज्यादा उम्र के विद्यार्थी अगले साल पात्र नहीं होंगे. जिसके कारण अभी फॉर्म भरने वाले विद्यार्थियों को भी कन्फर्मेशन प्रोसेस पूरी नहीं होने के कारण नुकसान हो सकता है.

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इसमें ख़ास बात यह है कि केवल नागपुर शहर में ही नेट के ऑनलाइन एरर आने की समस्या नहीं थी बल्कि देश के कई शहरों में विद्यार्थियों को इस तरह की परेशानी उठानी पड़ी थी. जिनकी शिकायतें लगातार सोशल मीडिया पर आ रही थी बावजूद इसके विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से इस परेशानी को हल करने के लिए कोई भी पहल नहीं की गई. जिसका मुहावजा अब सीधे तौर पर विद्यार्थियों को अपना एक वर्ष देकर चुकाना होगा.

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