नागपुर: शहर तहसीलदार द्वारा विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) को क्रिकेट मैच के दौरान पुलिस बंदोबस्त शुल्क की वसूली को लेकर जारी किए गए ₹4,56,35,908 के डिमांड नोटिस पर हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। यह आदेश वीसीए के सचिव संजय बडकस द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिल किल्लोर और न्यायमूर्ति प्रवीण पाटिल की खंडपीठ ने दिया। कोर्ट ने विवादित डिमांड नोटिस और उसके आधार पर जारी आदेश को अगली सुनवाई तक स्थगित करते हुए राज्य के राजस्व विभाग सचिव, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता की दलील:
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डिमांड नोटिस में पुलिस बंदोबस्त शुल्क का कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है। इस संदर्भ में 4 अप्रैल 2025 को तहसीलदार को पत्र भेजकर समुचित जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था, लेकिन उसका कोई उत्तर नहीं दिया गया। इसके विपरीत तहसीलदार ने 28 अप्रैल 2025 को आदेश जारी कर एसोसिएशन को शुल्क जमा करने का निर्देश दे दिया। इतना ही नहीं, शुल्क जमा न करने की स्थिति में संपत्ति जब्त करने की चेतावनी भी दी गई।
प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन:
वीसीए की ओर से कहा गया कि आदेश जारी करने से पहले न तो पूरी जानकारी साझा की गई और न ही डिमांड नोटिस की वैधता पर सवाल उठाने का अवसर दिया गया। तहसीलदार के इस रवैये को प्राकृतिक न्याय के नियमों का उल्लंघन बताया गया है। याचिकाकर्ता ने उक्त डिमांड नोटिस और आदेश को रद्द करने की भी मांग कोर्ट से की है।
अगली सुनवाई तक राहत:
कोर्ट ने फिलहाल अगली सुनवाई तक डिमांड नोटिस और आदेश पर रोक लगाते हुए सभी संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।