नागपुर: मनपा के नोटिस के बावजूद गणेश टेकड़ी मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर का जर्जर भाग गिराया नहीं गया है। मंदिर के ख़स्ताहाल ढांचे का मामला अब अदालत तक पहुँच चुका है। इसी संबंध में दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार 11 अगस्त 2016 को मुंबई उच्च न्यायलय की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान न्यायाधीश भूषण गवई और विनय देशपांडे की खंडपीठ ने गणेश टेकड़ी मंदिर ट्रस्ट, नागपुर महानगर पालिका और धर्मादाय आयुक्त कार्यालय को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते के भीतर मामले पर अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है।
श्याम अग्रवाल द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल की गई इस जनहित याचिका में मंदिर के जीर्ण हो चुके भाग से मंदिर आने वाले भक्तो को खतरा होने का अंदेशा व्यक्त किया गया है। इस याचिका में मनपा के आदेश के बावजूद मंदिर ट्रस्ट द्वारा गंभीरता न बरते जाने का आरोप भी लगाया गया है। गौरतलब है कि महानगर पालिका ने मंदिर की इमारत और गर्भ गृह की जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की थी। पी.टी. मसे एंड एसोसिएट्स रिगार्डिंग कंडीशन असेसमेंट एंड स्ट्रक्टुअल ऑडिट्स एंड इंस्पेकशन की रिपोर्ट को आधार बनाकर 5 जुलाई 2016 को मनपा ने मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर ख़स्ताहाल ढांचे को गिराने का आदेश दिया था। पर मंदिर ट्रस्ट ने मनपा के इस नोटिस की अवहेलना की। आज भी मंदिर की इमारत पहले जैसी ही बरक़रार है।