Published On : Mon, Oct 24th, 2016

डब्बा कारोबार आरोपियों को गिरफ़्तारी पूर्व जमानत

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nagpur high court

नागपुर: शहर से शेयर बाजार के सामानांतर अवैध रूप से चलाये जाने वाले डब्बा कारोबार के आरोपी कन्हैय्या थावरानी और सचिन अग्रवाल को गिरफ़्तारी पूर्व जमानत मिल गई। इस मामले पर सोमवार को मुंबई उच्च न्यायलय की नागपुर खंडपीठ में हुई सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों की जमानत की अपील मंजूर कर ली गई। कन्हैय्या और सचिन पर इस कारोबार के माध्यम से सरकार को करोड़ो रूपए के राजस्व को चुना लगाने का आरोप है।

अवैध डब्बा कारोबार व्यापर प्रकरण में लकड़गंज और तहसील पुलिस ने 12 मई 10 व्यापारियों के यहाँ रेड की थी। इस दौरान पुलिस को व्यापारियों के कंप्यूटर और हार्ड डिस्क जप्त की थी। इस मामले में 24 व्यापारियों पर 8 तरह दर्ज किये गए थे। जिसमे के टी इन्व्हेस्टमेन्ट के संचालक कन्हैय्या थावरानी, सचिन अग्रवाल का भी समावेश था।

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इस मामले में गिरफ़्तारी से बचने के लिए दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले पर निर्णय रोक रखा था। जबकि आज की सुनवाई के दौरान बचावपक्ष ने इस मामले में उचित रिपोर्ट न दर्ज करने की बात अदालत में रखी। जिसके बाद बचावपक्ष की दलील को मानते हुई अदालत ने दोनों आरोपियों की गिरफ़्तारी पूर्व जमानत याचिका को मंजूर कर लिया। अदालत में बचावपक्ष की ओर से अॅड. अविनाश गुप्ता जबकि सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील भारती डांगरे और अॅड संजय डोईफोडे ने पक्ष रखा। अदालत ने आरोपियों की याचिका को मंजूर करने के साथ कहाँ की डब्बा प्रकरण में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार्यवाही जरूर की पर ऐसे मामलो में मामला दर्ज करने अधिकार सेबी (भारतीय सिक्युरिटीज् अॅण्ड एक्सचेंज बोर्ड), केंद्र शासन या फिर राज्य सरकार के पास रहता है। इस संस्थाओ से आदेश मिलने पर ही पुलिस मामले में हस्तक्षेप कर सकती है।

अवैध डब्बा कारोबार के माध्यम से कन्हैय्या थावरानी पर 1 लाख 20 हजार जबकि सचिन अग्रवाल पर 5 हजार 91 करोड़ का अवैध व्यापर किये जाने आरोप पुलिस ने लगाया है।

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