Published On : Wed, Sep 29th, 2021

नागपुर शहर में फल फूल रहा है हवाला कारोबार


नागपुर टुडे – नागपुर. शहर में कई बार हवाला कारोबार उजागर हुआ है। हवाला के जरिए ना सिर्फ लाखों बल्कि करोड़ों रूपये की हेराफेरी की जाती है और यह सारा खेल नोट के सीरियल नंबर के आधार पर खेला जाता है। इस कारोबार में इंकम टैक्स के साथ-साथ कारोबारी जीएसटी भी बचा लेते है। नागपुर जिले में हवाला कारोबार का नेटवर्क बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से लेकर दिल्ली, चैन्नई, कलकत्ता, मद्रास,रायपुर , जबलपुर , नागपुर सहित देश के सभी बड़े शहरों तक पैसा हवाला कारोबारियों की मदद से व्यापारी अपने पार्टीयों को पहुँचाते है। इसके लिये शहर की दूरी के हिसाब से 1 लाख पर 400 से 500 रू. का कमीशन लिया जाता है।शहर में इसके पहले भी हवाला की रकम पकड़ी गई है, मगर हर बार ‘छोटी मछली’ ही शिकार हुई। नागपुर में सोना चांदी खरीदने के नाम पर भी हवाला कारोबार की कालाबाजारी शुरू है। खास बात यह है कि कई बार जानकारी होने के बाद भी यह काला कारोबार थम नहीं रहा है। 2018 में नागपुर के नंदनवन पुलिस स्टेशन के हवाला कारवाई में यह खुलासा हुवा था की

मुंबई व रायपुर के बीच सोना चांदी लेन देन व हवाला का केंद्र नागपुर ही है। इसलिए रायपुर की एक ज्वेलरी कंपनी के माध्यम से यहां करोड़ों रुपया लाया गया था।उस मामले में कार्रवाई के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने दो कर्मचारी की मदत से करीबन तीन करोडो रुपये गबन किया। इस मामले में दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारियों को जेल की हवा खानी पड़ी।

सोना चांदी हवाला इस तरीके से होता है –

हवाला कारोबारी अपने कारोबार को कानूनी रूप देने के लिए सोना, चांदी और हीरों की खरीद अपने खातों में दिखाते हैं, लेकिन असल में ये सभी आयात बिल बोगस होते हैं जो यह दावा करते हैं कि उन्होंने विदेशी व्यापारियों से डायमंड-सोना खरीदा है। इन बिलों का हवाला देकर ये कारोबारी सूरत-मुंबई की बैंकों से करोड़ों रुपए विदेशी बैकों में ट्रांसफर कर देते हैं, जबकि असल में एक भी हीरा या सोने का टुकड़ा इंडिया नहीं आता है।

क्या है टैक्स हैवंस ?

हवाला कारोबारी यहां कमाए गए अकूत धन को हवाला की मार्फत दुबई, हांग कांग, स्विट्जरलैंड आदि देशों में भेज देते हैं। इन देशों को टैक्स हैवंस देश कहा जाता है। इन देशों की बैंक प्राप्त धन का कोई सोर्स नहीं पूछती हैं और न ही उस पर कोई टैक्स वसूल करती हैं। इससे दुनियाभर में ये देश काले धन के अड्डे बन गए हैं।

उल्लेखनीय है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे नियम लागू होने के बाद हवाला कारोबार ने तेजी से पैर पसारे हैं। गुजरात के सूरत, बड़ौदा और अहमदाबाद हवाला कारोबारियों का गढ़ बन चुका है। पहले इसमें ज्यादातर सराफा कारोबारी ही शामिल रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे दवा, ट्रांसपोर्ट, बिल्डर्स के बाद सटोरिए भी इस धंधे में उतर गए और फिर बड़ी-बड़ी रकमों का हवाला करने के लिए नई-नई तरकीबें भी उपयोग होने लगीं। 2015 के बाद जबलपुर में भी हवाला के धंधे में कई व्यापारी कूद पड़े। चूँकि जबलपुर सेन्ट्रल प्वॉइंट है और यहाँ की कनेक्टिविटी कई प्रदेशों से है। यही वजह है कि अब जबलपुर के बाद नागपुर भी हवाला का बड़ा सेंटर बन चुका है।

नागपुर के हवाला व्यापारी

नागपुर शहर में इतवारी ,गांधीबाग ,लालगंज , वर्धमान नगर , अनाज बाजार इतवारी ,सराफाओली ,लोहाओली ,यहा कुरियर के नाम से ,किसी भी असोसीयेट के नामसे ,ट्रांसपोर्ट , मेडिकल ,मिठाई के दूकान या ट्रेडिंग के नाम से छोटे बड़े काफी दुकाने या ऑफिसेस है किसी को शक ना हो इसलिए दुकानों के बाहर बोर्ड भी लगाये गए है। ईसी दुकानों के अंदर हवाला का गोरखधंदा चलता है। हवाला की कालाबाजारी में ठक्कर ,मामा उर्फ़ कक्कड़ ,लखोटिया , रजाई ,शाह , रुपेश , जैन ,गुजरातवाले पारीख ,अंगड़िया ,कमलेश ,अग्रवाल ,भेदा ,पारेख ,आदि छोटे बड़े व्यापारियों का समावेश है। विश्वसनीय सूत्रों नुसार नागपुर में हर माह 100 करोड़ रुपयों के ऊपर हवाला का कारोबार होता है।

ईस मामले में नागपुर शहर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार को पुछा गया तो उन्होन्हे साफ़ शब्दो में कहा की हमारे होते हुवे सारे अवैध धंदो में हमने अंकुश लगाया है और हवाला मामले को लेकर सभी पुलिस स्टेशन को सुचना दी गई है और कारवाई करने के आदेश भी दिए है। – पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार

– रविकांत कांबले