नागपुर: राज्य सरकार द्वारा आॅनलाइन सात बारा एवं ई-ट्रांजेक्शन उपलब्ध कराने की घोषणा के बीच इन सुविधाओं के असफल रहने का मुद्दा आज विधान सभा शीत सत्र को चौथे दिन उठाया गया। इस मुद्दे के जवाब में राज्य के राजस्व मंत्री संजय राठौड़ ने कहा कि सरकार 31 दिसंबर तक हस्तलिखित सात बारा मुहैया कराएगी।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत विधानसभा में विधायक मनोहर भोईर, अमर काले, सुनील केदार, शशिकांत शिंदे सह 3 दर्जन से अधिक पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने यह मुद्दा उठाया।
उक्त विधायको ने सरकार सह राजस्व मंत्री का ध्यानाकर्षण करते हुए कहे कि आॅनलाइन सातबारा और ई-ट्रांजेक्शन के लिए आवश्यक मशीनरी नहीं होने से कार्यों के दबाव के कारण पिछले 6 माह में पटवारी संगठनों ने आंदोलन किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने हस्तलिखित सात बारा देना बंद कर दिया है। इससे किसान वर्ग संकट में है। इस संबंध में पटवारी संगठन के साथ राजस्व मंत्री की 31 अक्टूबर 2016 को बैठक हुई। सभी प्रकार की सुविधाएं देने का ठोस आश्वासन दिया गया। लेकिन आजतक स्थिति पहले की तरह ही है।
इस सन्दर्भ में सभी तकनीकी अड़चन दूर करने की मांग की। राज्य के राजस्व राज्यमंत्री संजय राठोड़ ने उक्त सवालों का जवाब देते हुए जानकारी दी,कि 23 जनवरी 2013 को सरकार ने संपूर्ण राज्य में ई-ट्रांजेक्शन प्रणाली आॅनलाइन म्युटेशन करने का निर्णय लिया था। राज्य के 357 में सातबारा आॅनलाइन किया गया है। मुख्यमंत्री ने राजस्व मंत्री के साथ पटवारी संगठन के साथ अहम बैठक की। जल्द सर्व सुविधा करवा दी जाएंगी। 22 करोड रुपए की लागत से 2715 कंप्यूटर और 1112 प्रिंटर उपलब्ध करवाए गए है।
जबतक पूर्ण व्यवस्था नहीं होती यानी 31 दिसम्बर तक मुख्यमंत्री ने हस्तलिखित सातबारा देने का निर्णय लिया गया है। इस सन्दर्भ में जिला विकास निधि से भी पालकमंत्री को सहायता करने का निर्देश दिया गया। इस विषय से सम्बंधित दर्जनों विधायको की अनिगनत सवालो का जवाब राज्यमंत्री राठौड नहीं दे पा रहे थे,ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष बागडे ने इस विषय पर चर्चा रोक दी,अब यह विषय पर बाद में चर्चा सह जवाब आयेगा।