Published On : Sat, Sep 16th, 2017

डीबीटी योजना के तहत नहीं मिल रहा आदिवासी विद्यार्थियों को अनुदान

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नागपुर: आदिवासी विद्यार्थियों को डीबीटी योजना (सीधे लाभ हस्तांतरण ) का निर्णय राज्य सरकार ने लिया था. सरकारी जीआर के अनुसार होस्टल में प्रवेश लेनेवाले विद्यार्थियों को सात दिन के भीतर इस योजना के अन्तर्गत 60 प्रतिशत अनुदान उनके खाते में जमा होने चाहिए. लेकिन होस्टल में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के 4 महीने बीतने के बाद भी, उन्हें किसी भी तरह का अनुदान नहीं दिया गया है. जिसके कारण डीबीटी योजना बंद करने की मांग विद्यार्थियों की ओर से की गई है. इसके लिए आदिवासी विद्यार्थी संघ की ओर से आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा को निवेदन देकर विभिन्न मांगें की गई हैं. जिसमें डीबीटी योजना बंद कर पूर्व की व्यवस्था के तहत योजना शुरू करने की अपील की गई. पंडित दीनदयाल स्वयं योजना बंद कर होस्टल की संख्या बढ़ाई जाए. होस्टल में विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए ऑनलाइन योजना बंद की जाए और ऑफलाइन पद्धति से एडमिशन विद्यार्थियों को दिया जाए.

आदिवासी विद्यार्थियों का कहना है कि वे मंत्री से मिले थे. इस बारे में मंत्री विष्णु सावरा ने विद्यार्थियों को बताया कि यह योजना प्रायोगिक तौर पर शुरू की गयी थी. इसमें कई जगहों पर योजना को गलत तरीके से अमल में लाए जाने की शिकायतें सामने आईं. जिसके कारण योजना बदली गई. मंत्रिमंडल में चर्चा कर डीबीटी योजना को बंद किया जाएगा.

आदिवासी विद्यार्थियों पर हो रहे अन्याय को लेकर आदिवासी विद्यार्थी संघ के विदर्भ के उपाध्यक्ष मुकेश नरोटे ने बताया कि पूरे महाराष्ट्र में आदिवासी होस्टल में रहनेवाले विद्यार्थियों की संख्या लाखों में है. लेकिन इन योजनाओं का कोई भी लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है. विद्यार्थियों को योजना के अंतर्गत होस्टल में रहने के लिए नियमानुसार चादर, ब्लैंकेट और किताबें खरीदने के लिए हर साल सात हजार रुपए दिए जाने चाहिए. लेकिन 4 महीने बीत गए विद्यार्थियों के खाते में स्टायफंड की रकम नहीं जमा हुई है. संघ के संगठक सचिव शिवकुमार कोकोडे ने इन्ही मांगों को लेकर 25 सितम्बर को महाराष्ट्र स्तर पर मोर्चे का आयोजन किया है. जिसमें लाखों की संख्या में विद्यार्थियों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.