Published On : Wed, Apr 18th, 2018

BJP के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने कनिमोझी को बताया अवैध संतान

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H Raja and M Karunanidhi
चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने डीएमके की सांसद कनिमोझी पर विवादास्पद टिप्पणी की है. बीजेपी नेता एच. राजा ने कनिमोझी को डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की अवैध संतान करार दिया है.

बीजेपी नेता ने ट्वीट कर कहा कि तमिलनाडु के पत्रकार सिर्फ राज्यपाल पर ही सवाल क्यों उठाते हैं? वे उस व्यक्ति को लेकर सवाल क्यों नहीं उठाते हैं, जिनकी एक अवैध बेटी है और जिन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया है? राजा की यह टिप्पणी हाल ही में तमिलनाडु में राज्यपाल और पत्रकार के बीच विवाद को लेकर आई है.

आपको बता दें कि तमिलनाडु में इन दिनों एक ‘डिग्री के लिए सेक्स’ विवाद चर्चाओं में है. तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने इस केस में आरोपी महिला के बयान पर सफाई देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल ने एक महिला पत्रकार के सवाल का जवाब देने के बजाय उनके गाल सहला दिए थे. महिला पत्रकार ने राज्‍यपाल की इस हरकत पर विरोध जाहिर किया था, जिसके बाद राज्यपाल ने उनसे माफी मांगी है.

राज्यपाल से जुड़े इस मामले को लेकर राज्य में विवाद खड़ा हो गया है. इसी मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ने डीएमके प्रमुख और सांसद कनिमोझी को लेकर ही विवादास्पद बयान दे दिया है. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है, पर उनका इशारा साफतौर से कनिमोझी और डीएमके चीफ करुणानिधि की ओर है.

कनिमोझी ने मीडिया से खास बातचीत में कहा है, ‘मैं ऐसे किसी आदमी की बातों का जवाब नहीं दूंगी. मैं उनके स्तर तक नीचे नहीं गिर सकती हूं. लेकिन बीजेपी को इस मामले में बोलना चाहिए.’ आपको बता दें कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित विवाद में कनिमोझी ने पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम को अपना समर्थन दिया था.

कनिमोझी ने कहा है, ‘मैं उस महिला पत्रकार के साथ हूं और सभी कामकाजी महिलाओं के भी. सार्वजनिक जीवन में आने वाली महिलाओं को शोषण झेलना पड़ता है. मैं महिला पत्रकार के लिए खड़ी हुई और मुझे भी यही झेलना पड़ा. मैं इस बात का उदाहरण हूं कि शोषित महिलाओं के लिए आवाज उठाने पर आपके साथ क्या हो सकता है.’

आपको बता दें कि बीजेपी नेता एच राजा का विवादों से पुराना नाता है. इससे पहले भी राजा ने एम. करुणानिधि को हिंदू विरोधी और हिंदुओं का दुश्मन करार दिया था. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद राज्य में लेनिन की दो मूर्तियों को तोड़ा गया था.

इसके बाद राजा ने सोशल मीडिया पर पेरियार की मूर्ति को भी तोड़ने की अपील की थी. हालांकि, विवाद बढ़ने पर राजा ने इस पोस्ट को तुरंत हटा लिया था.