गोंदिया। जब रोजगार पाने के लिए भी छुटभैय्ये नेताओं को रिश्वत देनी पड़े तो आम आदमी इंसाफ की उम्मीद कहां से करें ?
जिले की राजनीति और प्रशासन में भूचाल ला देने वाली कार्रवाई भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग द्वारा आज सोमवार 29 सितंबर को की गई।
कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) गोंदिया के सभापति भाऊराव उके और उनके अधीनस्थ कर्मचारी हेमेंद्र उर्फ सोनू पटले को भ्रष्टाचार प्रबंधक विभाग (ACB ,भंडारा ) की टीम ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया।
रोजगार के नाम पर दलाली , क्या है पूरा मामला ?
शिकायतकर्ता को गोंदिया कृषि उत्पन्न बाजार समिति में स्थायी कर्मचारी नियुक्त करने और ऑर्डर निकालने के नाम पर आरोपितों ने 2.50 लाख की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायत से अवगत होने के बाद ACB ने 19 सितंबर को सत्यापन कार्रवाई की, जिसमें यह साबित हुआ कि दोनों आरोपितों ने 1.50 लाख खुद के लिए पंचों की उपस्थिति में मांगा।
रिश्वत कांड से गोंदिया की राजनीति में भूचाल
आज सुबह, तय योजना के तहत शिकायतकर्ता ने 1.50 लाख की पहली किस्त आरोपी हेमेंद्र उर्फ सोनू पटले को सौंपी।
इसी दौरान पहले से घेराबंदी किए बैठे एसीबी अधिकारियों ने छापा मारा और आरोपी को रिश्वत की रकम सहित रंगेहाथ पकड़ लिया।
इसके बाद एपीएमसी सभापति भाऊराव ऊके का नाम भी उजागर हुआ।
इस प्रकरण को लेकर गोंदिया शहर पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया समाचार लिखे जाने तक जारी थी।
इस कार्रवाई से पूरे जिले की राजनीति विशेषतः सत्ता रूढ़ दल भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है।
उक्त धर पकड़ कार्रवाई को एसीबी की टीम के पुलिस उप अधीक्षक डॉ. अरुणकुमार लोहार के नेतृत्व में निरीक्षक नितेश देशमुख, म.पो.नि. उज्वला मडावी , उपनिरीक्षक संजय कुंजरकर , पुलिस कर्मचारी प्रतीक उके, चेतन पोटे, मयूर सिंगणजूडे, विष्णु वरठी, हितेश हलमारे, हीरा लांडगे, राजकुमार लेंडे, पंकज सरोदे ने अंजाम दिया।
रवि आर्य