भाजपा सबसे बड़ी पार्टी , कांग्रेस दूसरे , राष्ट्रवादी तीसरे और चाबी संगठन छुपा रुस्तम निकले
गोंदिया 2024 के चुनावों के ठीक पहले जिले में हुए 348 ग्राम पंचायतों के चुनाव में भाजपा जहां अपने बूते 146 सीटें हासिल करने में कामयाब रही वहीं सहयोगी दलों के मदद से 55% सीटों पर कब्जा करते हुए बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है हालांकि गोंदिया तहसील में उसका मुकाबला जनता की पार्टी ( चाबी संगठन ) से था जहां बीजेपी ग्राम पंचायत में सरपंच पद जीतने में चाबी संगठन से पिछड़ गई।
गोंदिया तहसील की 71 ग्राम पंचायतों में भाजपा ने 18 , चाबी संगठन ने 28 , राष्ट्रवादी 12 , कांग्रेसी 06 तथा निर्दलीयों ने 7 पर जीत दर्ज की है।
तिरोड़ा तहसील 74 ग्राम पंचायतों में से भाजपा ने 46 पर कब्जा किया है वहीं कांग्रेस ने 12 , राष्ट्रवादी 10 , निर्दलीयों ने 5 और शिवसेना 1 ग्राम पंचायत पर काबिज हुई है ।
गोरेगांव तहसील में कांग्रेस ने बाजी मारी है यहां 17 जगहों पर कांग्रेस का सरपंच चुना गया है जबकि भाजपा 9 तथा राष्ट्रवादी 4 जगहों पर जीती है।
सड़क अर्जुनी तहसील में राष्ट्रवादी कांग्रेस का दबदबा रहा यहां 21 सीटों पर वह चुनाव जीतने में कामयाब हो गई है जबकि भाजपा 16 , कांग्रेसी 4 और निर्दलीय दो जगह जीते हैं।
अर्जुनी मोरगांव पर भाजपा ने अपनी पकड़ बना ली यहां 15 ग्राम पंचायत पर भाजपा का कब्जा हो गया है जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेसचे 14 तथा कांग्रेसी 10 जगहों पर और निर्दलीय एक जगह पर सरपंच चुनाव जीता है।
आमगांव तहसील में भाजपा को बहुत मिली है तथा 16 स्थानों पर बीजेपी जीती है जबकि कांग्रेस 10 , राष्ट्रवादी 07 और एक जगह निर्दलीय चुनाव जीता है।
सालेकसा तहसील में राष्ट्रवादी अपना खाता भी नहीं खोल पाई यहां बीजेपी को 13 , कांग्रेस को 12 और निर्दलीयों को 5 ग्राम पंचायतों पर जीत मिली है।
देवरी में भी राष्ट्रवादी का खाता नहीं खुला तथा भाजपा ने यहां 14 और कांग्रेस ने 12 ग्राम पंचायतों पर अपना दबदबा कायम किया है।
जिले में 345 ग्राम पंचायतों में हुए चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही है और राष्ट्रवादी तीसरे नंबर पर साथ ही चाबी संगठन ने बेहतरीन और उम्दा प्रदर्शन करते हुए 56 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 31 ग्राम पंचायतों पर गोंदिया विधानसभा क्षेत्र में सरपंच पद पर जीत दर्ज की है।
वर्चस्व की लड़ाई में आगे रहे विधायक विनोद अग्रवाल
दरअसल गोंदिया विधानसभा क्षेत्र राजनीति में दो बड़े दिग्गज नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है ऐसे में प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी गोंदिया तहसील की 71 ग्राम पंचायत सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी।
चुनाव परिणाम पश्चात मतदाताओं ने विधायक विनोद अग्रवाल के जनता की पार्टी (चाबी संगठन ) पर मुहर लगाई है। बता दें कि गोंदिया विधानसभा क्षेत्र की 56 ग्राम पंचायतों पर सरपंच पद के लिए चाबी संगठन ने अपने उम्मीदवार उतारे इनमें से 30 सीटों पर उनके उम्मीदवार विजयी हुए हैं तथा गोंदिया से सटे कुड़वा ग्राम पंचायत में समर्थित गठबंधन पैनल के साथ उन्होंने मिलकर चुनाव लड़ा और यहां भी उन्होंने जीत दर्ज की।
लेकिन भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल की राजनीति और उसके नेतृत्व को ग्रामीण वोटरों ने नकार दिया है। इन ग्राम पंचायत चुनावों को 2024 से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा रहा था जहां मौजूदा विधायक विनोद अग्रवाल ने कामयाबी हासिल की है , जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी नगर परिषद चुनाव में भी अगर विधायक विनोद अग्रवाल चाबी संगठन के माध्यम से ही अपनी राजनीति को आगे बढ़ाते हैं तो इसका नुकसान बीजेपी (कमल निशान ) को होगा।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बीजेपी विचारधारा समर्थक विधायक विनोद अग्रवाल गोंदिया नगर परिषद चुनावों में भी ‘ चाबी ‘ निशान पर ही अपने उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में उतारने का बड़ा निर्णय ले सकते हैं।
रवि आर्य