Published On : Sat, Apr 20th, 2019

ठंडा मतलब ‘ मटका कोला ’

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गत 50 वर्षों से ट्रेन के डिब्बे तक मुसाफिरों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है पेयजल

गोंदिया: भीषण गर्मी के दिनों में बार-बार प्यास लगना यह स्वाभाविक है। कहते है, किसी प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं होता। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग के मध्य पड़नेवाले गोंदिया रेल्वे स्टेशन पर द.पू.म. रेल्वे वाणिज्य प्रबंधक से अनुमति लेकर गत 50 वर्षो से मटका कोला सेवा नगर नागरी सेवा समिति तथा श्री किराना व तेल व्यापारी संघ गोंदिया की ओर से चलायी जा रही है।

गोंदिया जंक्शन एक बड़ा स्टेशन है , यहां प्रायः सभी यात्री गाड़ियां रूकती है, एैसे में वे यात्री जो भीड़भाड़ वाली गाड़ियों में सफर करते है तथा अल्प समय तक गोंदिया प्लेटफार्म पर ट्रेन रूकने की वजह से वे खुद के लिए तथा परिजनों के लिए प्लेटफार्म पर लंबी कतारों में लगकर पेयजल इक्कठा नहीं कर सकते , उन्हें ट्रालीयों की मदद से नियुक्त वेतनभोगी मजदूरों तथा निःस्वार्थ सेवा करने हेतु पहुंचे व्यापारी बंधुओं की मदद से रेल डिब्बों तक स्वच्छ व ठंडा पेयजल पहुंचाया जाता है।

रेल्वे प्रशासन इन दोनों संगठनों को प्रतिवर्ष 1 अप्रैल से 30 जून तक इस शर्त के साथ अनुमति प्रदान करता है कि, प्लेटफार्म नं. 3 पर अस्थाई रूप से जालीनूमा शेड निजी खर्च पर बनाकर निर्धारित 150 माटी के कुल्हड़ों में साफ-स्वच्छ जल छानकर भरकर ही यात्रियों के बीच वितरित करेंगे तथा प्लेटफार्म पर आने वाले रेल मुसाफिर किसी फिसलन या असुविधा का सामना न करें तद्हेतु विशेष ध्यान रखेंगे और रेल्वे प्रशासन द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे पेयजल का दुरूपयोग तथा प्लेटफार्म पर गंदगी न हो इसका भी विशेष ध्यान रखेंगे । साथ ही साथ यात्रियों को पिलाए जाने वाले जल की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध रेल्वे प्रशासन द्वारा लिखित पत्र देकर किया जाता है।

इस वर्ष भी शीतल जल वितरण की सुविधा का शुभारंभ 14 अप्रैल रविवार को स्टेशन प्रबंधक श्री मुकेशजी की हस्ते तथा उपप्रबंधक की गरीमामय उपस्थिती में जलदेवता भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।

इस अवसर पर लक्ष्मण लधानी, कुमारभाई पलन, माधवदास खटवानी, लख्मीचंद रोचवानी, किशोर तलरेजा आदि ने रेल्वे स्टेशन पर रूकने वाली ट्रेनों की बोगियों में सवार मुसाफिरों को निःशुल्क शीतल पेयजल उपलब्ध कराया।

– रवि आर्य