गोंदिया। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य में सरगर्मी बढ़ने लगी है। इसे लेकर सत्तारूढ़ महायुती की पार्टियों भाजपा , एनसीपी अजीत और शिवसेना शिंदे के भीतर गठबंधन के फार्मूले और सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है।
सूत्रों का कहना है कि संख्यात्मक ताकत के आधार पर सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय किया जा रहा है तथा जहां गठबंधन नहीं , वहां फ्रेंडली फाइट होगी। चुनाव आयोग द्वारा वार्डों के सीमांकन के बीच महायुति से बड़ा अपडेट सामने आ रहा है।
बता दें कि तीनों दल महाराष्ट्र के सत्ता में साथ हैं हालांकि उनके बीच अंदरूनी खींचतान चल रही है ।
गठबंधन में टिकट के विकल्प सीमित , BJP अकेले लड़े चुनाव
महायुति के भीतर गठबंधन के तरीकों को लेकर गोंदिया जिले में कुछ नेताओं ने खुलकर असंतोष जताया है उनका मानना है कि इन निकाय चुनावों के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दावा करते हैं जिससे गठबंधन में टिकट के विकल्प सीमित हो जाते हैं , जो पूर्व पार्षद और कार्यकर्ता लंबे वक्त से प्रभाग में जनसंपर्क कर रहे हैं उनका टिकट कटने पर वे अपनी निर्दलीय दुकान सजा सकते हैं या किसी अन्य पार्टी में शामिल होकर मैदान में उतर सकते हैं ऐसे में गठबंधन में भाजपा को इससे सबसे ज्यादा नुकसान होगा , इसलिए इन बीजेपी नेताओं का मानना है कि अकेले चुनाव लड़ने पर ज्यादा कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा और इससे पार्टी मजबूत होगी।
मुंबई बीएमसी: महायुति के तीनों दल साथ लड़ेंगे
किसी छोटे राज्य से अधिक बजट रखने वाली मुंबई बीएमसी का चुनाव बीजेपी , अजीत एनसीपी और शिंदे शिवसेना साथ मिल करके लड़ेंगे। बाकी हर जगह जिले की परिस्थितियों को देखते हुए गठबंधन का निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव साढ़े 3 वर्षों से अटके हुए हैं ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार चुनाव के साथ या बाद में महाराष्ट्र का चुनावी बिगुल बज सकता है।
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव तीन चरणों में होने की संभावना है वार्डों का सीमांकन किया जा रहा है इसके बाद इनका आरक्षण तय किया जाएगा। इसी बीच महायुति के दलों के बीच गठबंधन फार्मूले को लेकर चर्चा चल रही है इसलिए सब की नज़र इस बात पर टिकी है कि क्या गठबंधन होगा ? या फिर जहां गठबंधन नहीं होगा वहां फ्रेंडली कॉन्टैक्ट करेंगे और चुनाव रिजल्ट के बाद सत्ता स्थापना के लिए महायुति के तीनों दलों के बीच क्या साझा गठबंधन होगा ?
रवि आर्य