गोंदिया। महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसे गोंदिया जिले के सालेकसा तहसील के अति दुर्गम नक्सल प्रभावित क्षेत्र मुरकुटडोह में जहां 10 साल पहले ” वोटिंग की तो मारे जाओगे ” इस प्रकार के बैनर लगाकर भोले भाले आदिवासी नागरिकों के बीच डर और दहशत का माहौल निर्माण कर मतदान का बहिष्कार कराया जाता था , आज उसी मुरकुटडोह में लोकतंत्र की बहार नज़र आ रही है।


बता दें कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान संपन्न करा कर पोलिंग पार्टी रवाना हो चुकी है।
सुरक्षा ऐसी कि परिंदा भी पर न मार सके
पूर्व विदर्भ के 5 लोकसभा क्षेत्रों में पहले चरण के लिए वोट डाले गए , महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर बसे नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले के दर्रेकसा निकट स्थित पंचायत समिति सालेकसा अंतर्गत आने वाले जिला परिषद शाला मुरकुटडोह यहां मतदान केंद्र क्रमांक 2 बनाया गया था।
इलाका अति दुर्गम और नक्सल प्रभावित होने की वजह से इस मतदान केंद्र को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया था लिहाज़ा जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करते हुए सी-60 कमांडो और एसआरपीएफ के जवानों की तैनाती चप्पे-चप्पे पर कर दी ।

रवि आर्य










