Published On : Sat, Mar 16th, 2024
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: पशुओं को सायलेज खिलाएं अधिक दूध उत्पादन पाएं , किसान आमदनी बढ़ाएं

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गोंदिया ‌ पशुओं को वर्ष भर हरा चारा उपलब्ध कराना एक कठिन कार्य है इसी बात को ध्यान में रखते हुए हरे चारे को वर्ष भर सुरक्षित रखने के लिए जिले में पहला ” सखा सायलेज प्रकल्प ” डॉ. प्रशांत कटरे द्वारा शुरू किया गया है। पशुओं के आहार में इसे कैसे उपयोग में लाएं इस बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित पत्र परिषद में डॉ. प्रशांत कटरे ने बताया- बैलेंस डाइट बनाना किसान के बस में नहीं, इसलिए सबसे अच्छा चारा ग्रीन चारा होता है।
लेकिन ग्रीन चारा वर्ष पर अवेलेबल नहीं होता इसलिए लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से यह प्लांट शुरू किया गया है।

गौपालन और दूध दोनों एक दूसरे के पूरक हैं , वर्ष 2016 से गोकुल मिशन मोदी सरकार द्वारा शुरू किया जिसका मकसद पशुपालन को सस्ता करके दूध उत्पादक किसानों की आमदनी बढ़ाना है।

सायलेज यह मक्के की फसल के द्वारा निर्मित होता है साल में तीन फसल लगाने से 90 दिनों में ही इसकी कटाई हो जाती है तत्पश्चात इसके तनों को काटकर उसे मशीन में डाला जाता है , मक्के से बनाए गए इस गीले चारे को वैक्यूम के तर्ज पर पॉलिथीन से पैक किया जाता है , यह सायलेज चारा मात्र 10 रूपए किलो के दर से पड़ता है जबकि खल्ली , चुन्नी ,सूखी घास , सरकी , तूवर चूरी से निर्मित होने वाला चारा 30 रूपए किलो पड़ता है।

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एक एकड़ में लगाई जाने वाले मक्के की फसल की लागत 15 से 17 हजार रुपए आती है जबकि धान की फसल किसान बमुश्किल दो ही ले पाता है और उसे एक एकड़ में आमदनी 20 हजार होती है तथा सायलेज प्रकल्प से उसकी आमदनी 45 से 50 हजार प्रति एकड़ की जा सकती है। डॉ प्रशांत कटरे ने कहा -किसान उद्योजक बने इसके लिए ऐसे प्रकल्प समूचे जिले में और भी शुरू किए जाने की आवश्यकता है।

आयोजित पत्र परिषद में उपस्थित पशु संवर्धन अधिकारी डॉ .देवेंद्र कटरे ने कहा – वर्तमान में सूखे घास के पशु चारे की कीमत भी 5 से 6 रुपए प्रति किलो है , जबकि सायलेज चारा किफायती और गुणवत्ता से भरपूर है , हमको रोजगार डेवलप करना है। इस गोकुल प्रकल्प पर 50% का अनुदान सरकार की ओर से प्राप्त होता है। एक एकड़ जमीन में 25 टन से अधिकतम 45 टन तक की मक्के की फ़सल ली जा सकती है। इस अवसर पर आयोजित पत्र परिषद में अन्य तज्ञ विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

अगर टिकट मिलती है तो बिल्कुल स्वीकार करूंगा- डॉ प्रशांत कटरे
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से माथापच्ची जारी है , ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के शेष बची टिकटों पर अगली या फिर अंतिम सूची पर मुहर लगा सकती है , उधर प्रत्याशियों के लिए आवेदन मांगे जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पार्टी के स्तर पर कराए गए सर्वे के अलावा जनता और विशेषकर पवार समाज से मिले फीडबैक को भी टिकट वितरण का आधार बनाया जा रहा है।

बीजेपी और एनसीपी के बीच सियासी खींचतान के घटनाक्रम के बाद गोंदिया भंडारा सीट को लेकर टिकट वितरण के मामले में आलाकमान स्तर पर चर्चा होगी ऐसी जानकारी सूत्रों से प्राप्त हो रही है।

आंतरिक सर्वे के आधार पर विश्व हिंदू परिषद की आरोग्य भारती संस्था से जुड़े पवार समाज के डॉ .प्रशांत कटरे की सकारात्मक रिपोर्ट सामने आने पर माना जा रहा है कि पार्टी नए चेहरे को चुनावी रणभूमि में उतार सकती है।

नागपुर टुडे ने आयोजित पत्र परिषद के दौरान लोकसभा सीट के लिए आवेदन करने वाले डॉ. प्रशांत कटरे से यह जानना चाहा कि अगर उन्हें टिकट मिलती है तो क्या वे स्वीकार करेंगे ?

सवाल का जवाब देते डॉ प्रशांत कटरे ने कहा- अगर टिकट मिलती है तो बिल्कुल स्वीकार करूंगा , मेरा प्रयास होगा इस जिले को औद्योगिक क्षेत्र बनाना , किसान भी उद्योजक होना चाहिए और गोंदिया भंडारा जिले को सुजलाम- सुफलाम बनाने के लिए कृषि , उद्योग और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिले को अग्रणी बनाना बहुत जरूरी है।

रवि आर्य

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