Published On : Thu, Oct 24th, 2019

गोंदिया कांग्रेस मुक्त

दलबदलू ने करा दी बीजेपी की फजीहतः आ गई चाबी, छा गई चाबी..

गोंदिया जिले के ४ विधानसभा क्षेत्रों से किस्मत आजमा रहे ४७ प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा खुलना शुरू हो गया है। मतगणना स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है, चुनाव अधिकारी तक को मतगणना टेबल पर मोबाइल रखने की परमिशन नहीं है, पत्रकारों को भी सिर्फ मीडिया सेंटर तक ही मोबाइल परमिशन है। कही से भी किसी प्रकार की गडबड़ी या अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

Advertisement

मतों की गिनती आज सुबह ८ बजे से शुरू हुई। मतगणना शांतिपूर्ण ढ़ंग से चल रही है। प्रारंभिक रूझान मिलने शुरू हो गए है । तिरोडा सीट पर भाजपा तथा गोंदिया सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत निश्चित है वही आमगांव – देवरी विधानसभा क्षेत्र मे पंजे को मामूली बढ़त हासिल है। अर्जुनी मोरगांव में घड़ी कुछ मतों से आगे चल रही है।

गोंदिया में सिर्फ २ मुद्दों पर लड़ा गया चुनाव
गोंदिया सीट का इतिहास यह है कि अब तक इस विधानसभा क्षेत्र में कभी कमल नहीं खिला है। 13 राउंड के मतों की गिनती के बाद इस बार भी कुछ एैसा ही दृश्य उभरकर सामने आ रहा है। पहले राउंड से लगातार बीजेपी के बागी निर्दलीय प्रत्याशी विनोद अग्रवाल के चाबी चुनाव चिन्ह ने बढ़त बना रखी है, अब तक 13 राउंड में 19431 मतों की लीड चाबी ने हासिल कर ली है। अब गोंदिया में यह बात जोर पकड़ रही है कि, यह हार मुख्यमंत्री की हार है, क्योंकि उन्होंने जिस मोहरे पर दांव खेला उस दलबदलू ने बीजेपी की फजीहत करा दी।

उल्लेखनीय है कि, २७ सालों की कांग्रेस की राजनीति के बाद गोपालदास अग्रवाल ने पाला बदला और वे मोदी रथ पर सवार हो गए लेकिन जनता के मन में कुछ और ही चल रहा था, उन्होंने अपने वोट की ताकत दिखा दी । जहां तक बात चुनाव प्रचार के दौरान मुद्दों की, कि जाए तो यह पहला अवसर है कि, चुनाव में बिजली, सड़क, पानी और विकास जैसे बुनियादी मुद्दे गौण थे।

टिकट कटने पर बागी तेवर अपनाते हुए विनोद अग्रवाल ने निर्दलीय झंडा उठा लिया तथा खुद को असली बीजेपी करार देते हुुए उनके समर्पित कार्यकर्ताओं द्वारा विधानसभा का चुनाव सिर्फ २ ही मुद्दों पर लड़ा गया।
इस आदमी से उसका हक छीना गया और उस आदमी ने इसका हक छीना है ? इसलिए जिस आदमी ने इसका हक छीना है, उसे पराजित करना है और जिस आदमी का हक छीना गया है, उसे चुनकर लाना है ?

किसी ने सोचा नहीं था कि, यह २ मुद्दे आम मतदाताओं के जहन में इस कदर छाँ जायेगे कि, हर तरफ निर्दलीय प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह चाबी का जोर होगा, लेकिन एैसा हुआ। अब इसे विनोद अग्रवाल की बुलंद तकदीर कहें या फिर गोपालदास अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने का निर्णय सही समय पर न लेना?

अलबत्ता इतना जरूर है कि, निर्दलीय उम्मीदवार विनोद अग्रवाल बड़ा उलटफेर करने में कामियाब होते ऩजर आ रहे है। चुनाव परिणामों का सीधा नतीजा पार्टी आलाकमान के उस निर्णय पर जाता है जिसे गोंदिया की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया।

गोंदिया-भंडारा के ७ सीटों क्या होगी तस्वीर ?
जिस प्रकार गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी और भाजपा के बागी विनोद अग्रवाल बढ़त बनाए हुए है, ठीक इसी तर्ज पर भंडारा सीट से भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र बोंडेकर आगे चल रहे है।

साकोली विधानसभा क्षेत्र से पालकमंत्री परिणय फुके यह नाना पटोले पर मामूली बढ़त बनाए हुए है, तुमसर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी काँग्रेस के उम्मीदवार कारेमोरे और निर्दलीय भाजपा के बागी चरण वाघमारे के बीच कांटे का मुकाबला है।आमगांव – देवरी विधानसभा क्षेत्र से पंजा चुनाव चिन्ह पर भाग्य आजमा रहे, सहसराम कोरोटे बढ़त बनाए हुए है। तिरोड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार विजय रहांगडाले लगातार बढ़त बनाए हुए है वहीं अर्जुनी मोरगांव विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले तथा राष्ट्रवादी तथा कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार मनोहर चंंद्रिकापुरे (घड़ी) के बीच काटे की टक्कर चल रही है।

रवि आर्य

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement