Published On : Thu, Mar 14th, 2024
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया/भंडारा: राहत की खबर , किसानों से ब्याज सहित ऋण वसूली पर लगा ब्रेक

डॉ .परिणय फुके के प्रयासों को मिली सफलता, उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर आयुक्त ने बुलाई वर्चुअल मीटिंग , सभी बैंकों को सर्कुलर जारी , अब ब्याज नहीं सिर्फ ऋण की मूल राशि ही देना होगा
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भंडारा/गोंदिया : नियमित फसल ऋण भुगतान करने वाले किसानों से सहकारिता विभाग द्वारा 6 प्रतिशत ब्याज के साथ फसल ऋण की वसूली करने के आदेश दिए गए थे जिससे किसान आर्थिक संकट में पड़ गए थे और उनमें इस आदेश को लेकर गुस्सा देखा जा रहा था।

भंडारा और गोंदिया जिले के किसान संगठनों ने सहकारिता विभाग के इस अफलातून आदेश के विरुद्ध आक्रोश प्रकट कर जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके से भेंट कर किसानों को आर्थिक संकट में लाने वाले ब्याज सहित वसूली के इस आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई थी।

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पूर्व पालकमंत्री डाॅ. परिणय फुके ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए और किसानों के गुस्से को ध्यान में रखते हुए इस मामले को तत्काल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के संज्ञान में लाया।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने तुरंत किसानों से जुड़े इस मामले का संज्ञान लेेेते हुए सहकारिता आयुक्त और सहकारिता मंत्रालय को निर्देशित कर किसानों के मामले का समाधान करने की बात की।

निर्देश मिलते ही महज 8 घंटे के अंदर आयुक्त ने तुरंत वर्चुअल मीटिंग कर सभी बैंकों के प्रबंधकों और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से समीक्षा की और सहकारिता मंत्रालय ने ब्याज सहित ऋण वसूली के फैसले को शिथिल कर किसानों को बड़ी राहत दी.

दिए गए निर्देशों में यह सुझाव दिया गया है कि सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी समिति कार्यालय द्वारा ऋण की अदायगी ब्याज सहित निपटाये बिना समय सीमा में केवल ऋण की मूल राशि ही वसूल की जाये।

किसानों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बैंकों को 3-3% की दर से ब्याज दिया जाता है हालांकि, चूंकि केंद्र सरकार ने किसानों के खातों में डीबीटी सिद्धांत पर ब्याज की रकम जमा करने का निर्णय लिया है, इसलिए सहकारिता आयुक्त ने 31 मार्च से पहले फसली ऋण लेने वाले किसानों से 6 प्रतिशत ब्याज वसूलने के निर्देश दिये थे.

इसके चलते सहकारी समितियों के आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, पुणे कार्यालय ने सहकारी समिति अधिनियम, 1960 की धारा 79 ए के तहत अधिकार का उपयोग करते हुए निर्देश दिया है कि किसानों को दिए गए फसल ऋण का भुगतान 6 प्रतिशत की कटौती के बाद किया जाए।
इस पर लगने वाले ब्याज से केवल मूल ऋण राशि की वसूली होनी चाहिए साथ ही जारी सर्कुलर के जरिए सभी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को प्रोत्साहन ब्याज सब्सिडी का अग्रिम लाभ दिया जाए और उन्हें अगले फसल ऋण के लिए पात्र माना जाए।

फसल ऋण पर 6 प्रतिशत ब्याज छोड़कर मूल राशि ही देने का आदेश जारी होने पर भंडारा और गोंदिया जिले के किसानों ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राज्य के पूर्व मंत्री और दोनों जिलों के पूर्व पालकमंत्री डाॅ. परिणय फुके का आभार माना है।

रवि आर्य

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