Published On : Sat, Mar 2nd, 2024

गोंदिया/भंडारा: चौंकाएगी BJP , नए चेहरों को मिलेगा मौका

निष्क्रिय सांसदों कट कर सकते हैं टिकट , भाजपा लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है आज
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गोंदिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा मिशन 400 के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है , बीजेपी ने 370 सीटें अपने बूते और एनडीए गठबंधन अब की बार 400 पार… का लक्ष्य निर्धारित किया है।

महाराष्ट्र में सहयोगी दलों के खाते में बीजेपी कौनसी और कितनी ? सीटें देगी इसे लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है।

दरअसल 29 फरवरी देर रात बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली पार्टी मुख्यालय पर हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और समिति के तमाम सदस्यों के साथ राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जैसे प्रमुख नेता शामिल रहे ।

बैठक में सहयोगी दलों को कितनी सीटें दी जाए इस पर चर्चा हुई वहीं ऐसी सीटें जहां भाजपा अपनी राहें कठिन मानती है उन्हें भी चिन्हित किया गया।

हालांकि बैठक से पहले महाराष्ट्र सरकार में शामिल राकांपा (अजित दादा गुट ) और शिवसेना ( शिंदे गुट ) द्वारा दबाव बनाया गया लेकिन कोई भी दबाव काम आता दिखाई नहीं दे रहा है।
विश्वास सूत्रों ने जानकारी देते बताया गठबंधन के तहत जिन सीटों को दिया जा सकता है उनमें गोंदिया भंडारा का नाम नहीं है यानी यह संसदीय सीट बीजेपी अपने पास रखेगी।

बता दें कि गोंदिया भंडारा संसदीय सीट पर आम चुनावों में बीजेपी जीत दर्ज करती रही है हालांकि नाना पटोले के इस्तीफा के बाद उपचुनाव दौरान कमजोर प्रत्याशी देने के कारण यहां से कांग्रेस राकांपा गठबंधन उम्मीदवार को जीत मिली थी।
ऐसे में 2024 में भाजपा अपना कैंडिडेट किसे बनाएगी इसी बात को लेकर मंथन चल रहा है।

उम्मीदवार स्थानीय बहुसंख्यक आबादी ( पवार-कुनबी) की भावनाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप हो यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

नमो ऐप ‘ के ज़रिए लोकप्रिय 3 नाम पूछे गए

जो लोग पूछते हैं मोदी 400 सीट कैसे जीतेंगे ? उनके लिए जवाब है बीजेपी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी ) समुदाय को अपना निश्चित वोट बैंक मानती है।

बता दें कि 2019 में बीजेपी के 303 सांसदों में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर लोकसभा में पहुंचे थे।

दिल्ली पार्टी मुख्यालय पर हुई चुनाव समिति बैठक में प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि हर सीट पर कमल लड़ रहा है, कम से कम अपने बूते 370 सीट और अबकी बार 400 पार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

जनता अपने संसदीय क्षेत्र से किसे उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहती है इसे लेकर लोकप्रिय तीन नाम पूछे गए हैं ।

तीसरी बार स्पष्ट बहुमत से केंद्र में सरकार बनाने में जुटी भाजपा ने अपने लोकसभा उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए कड़ी मशक्कत शुरू कर दी है और पब्लिक की राय को भी इस पूरी ‘ नमो एप ‘ प्रक्रिया में शामिल किया गया है।

‘ नमो ऐप ‘ के जरिए जनता को मौजूदा सांसदों के प्रदर्शन पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए एक प्लेटफार्म दिया गया है इसके साथ ही ग्राउंड लेवल पर सांसदों के कामकाज का फीडबैक कार्यकर्ताओं से लिया गया है।

तीन लोकप्रिय नामों को लेकर कार्यकर्ताओं और जनता का ओपिनियन लेने के लिए पार्टी द्वारा अलग-अलग सर्वे कराए गए हैं , बीजेपी ने सर्वे के लिए प्राइवेट एजेंसियों का भी सहारा लिया है।

अपने कई मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है बीजेपी ?

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली पार्टी मुख्यालय पर हुई बैठक के बाद यह तय किया गया है कि जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा उनका टिकट बिना किसी झिझक के काट दिया जाएगा।
विश्वसनीय सूत्रों ने जानकारी देते बताया -तीन बार जीत चुके और उम्रदराज तथा जिनका निष्क्रिय कार्यकाल रहा है उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा , हालांकि जिन ओबीसी सांसदों के टिकट काटे जाएंगे उनकी जगह ओबीसी कैंडिडेट को ही मौका दिया जाएगा।

अब इस खबर के साथ गोंदिया भंडारा लोकसभा सीट को लेकर भाजपा की लिस्ट में चौंकाने वाले नाम भी शामिल हो सकते हैं ?
बता दें कि मौजूदा सांसद सुनील मेंढे को लोकप्रियता में पछाड़ते हुए फीडबैक सर्वे में पूर्व मंत्री और गोंदिया जिले के पालक मंत्री रहे डॉ परिणय फुके दौड़ में आगे बने हुए हैं , वहीं एक विशेष खेमा सुनील मेंढे को दोबारा उम्मीदवार बनाने के लिए प्रयासरत है साथ ही नए चौंकाने वाले नामों में पवार समुदाय से डॉ प्रशांत कटरे भी दौड़ में बताए जाते हैं।

अब के चुनाव में बीजेपी कुनबी पर दांव खेलेगी या पवार समुदाय के उम्मीदवार पर यह देखना दिलचस्प होगा ।

बहरहाल अंतिम नाम पर मुहर लगाने के लिए जातिगत समीकरण पर भी गौर किया जा रहा है , बीजेपी का टिकट यानी जीत की गारंटी , इसी बात को लेकर और भी कई महत्वाकांक्षी जनप्रतिनिधि दौड़ में शामिल बताए जाते हैं।

बीजेपी वाले एनडीए गठबंधन के बाद अब सब की निगाहें इंडी गठबंधन की ओर टिकी है , मई 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है और उसके पहले सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक राकांपा (शरद पवार ) , कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट ) के बीच सीट शेयरिंग के फार्मूले को लेकर बात नहीं बनी है।

रवि आर्य