Published On : Fri, Apr 3rd, 2020

गोंदिया: जेल से छूटे 20 कैदी

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कोरोना के खौफ के कारण भंडारा सेंट्रल जेल से 2 माह के लिए पैरोल पर छोड़े गए

गोंदिया: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को कैदियों की रिहाई के आदेश दिए हैं । सर्वोच्च न्यायालय व महाराष्ट्र राज्य विधी सेवा प्राधिकरण , उच्च न्यायालय मुंबई द्वारा दिए गए निर्देशानुसार 7 साल और उससे कम की सजा काट रहे कैदियों को रिहा करने के लिए हाल ही में 28 मार्च 2020 को बैठक का आयोजन किया गया था ।

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इस सभा में मुख्य रूप से प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश सुहास माने , जिला विधी सेवा प्राधिकरण के सचिव एम.बी दुधे , भंडारा जिला कारागृह के अधीक्षक राजकुमार साडी , गोंदिया पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सहायक पुलिस निरीक्षक रमेश गर्जे प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर भंडारा जिला कारागृह मैं बंद कुल कैदियों में से 20 कैदियों को छोड़ने के लिए उनकी सूची बनाकर शासन को भेजी गई थी जिसके तहत 7 साल से कम अपराधों के लिए जेल में बंद 20 कैदियों की 8 सप्ताह के लिए निजी मुचलके पर रिहा करने का सिलसिला शुरू हो गया है।

शुक्रवार को इसी क्रम में भंडारा सेंट्रल जेल में बंद गोंदिया जिले के 20 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया और पुलिस अधीक्षक गोंदिया को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कैदियों को मुफ्त भोजन और उनके घर पहुंच की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

रवि आर्य

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