Published On : Sat, Sep 5th, 2020

किसानों के खेतों पर जाकर खरिफ फसलों पर आये बिमारी का ईलाज की जानकारी दें !

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सोयाबीन-संतरा-मोसंबी- का 75 से 80 प्रतिशत नुकसान का प्राथमिक अहवाल
सोयाबीन-संतरा- मोसंबी फसलों के सर्वेक्षण की मांग!

काटोल : कोरोना महामारी ने का संकट झेल रहे किसानों के खेतों की खडी फसलों पर लगातार बारिश, मोज्याक, तनाईल्ली (खोडकिडा), अर्धमर्या,तथा ब्राऊन राॅट जैसे रोगों के प्रादुर्भाव के चलते खरिफ सोयाबीन, कपास, संतरा-मोसंबी के फसलें चौपट होने की कगार पर है।जिससे किसानों को चौतरफा मार पडने से किसान इस वर्ष फिर संकट मे पड गया है ।

किसानों के फसलों पर विविध प्रकार के संक्रमण के निरिक्षण के लिये स्थानिय विधायक तथा राज्य के गृहमंत्री मंत्री अनिल देशमुख द्वारा काटोल कृषी उपविभाग क्षेत्र के तहत आने वाले अनेक गांव के किसानों के खेतों पर पहूंच कर सोयाबीन , संतर तथा मोसंबी के बागानों में पहूंचकर सोयाबीन ,संतरा तथा मोसंबी फसलों के नुकसान का जायेगा लिया. तथा नागपूर जिले के प्रादेशिक फल संशोधन केंद्र पर पहूंच कर वहां उपस्थित किसानों तथा कृषी अधिकारीयों से संवाद साधा, इस अवसर गृहमंत्री ने बताया की सोयाबीन , मोसंबी संतरा फसलों पर विविध रोगों के चलते हुये नुकसान का जायेगा लेने के निर्देश दिये है. अब कपास के फसल को गुलाब बोंड ईल्लि से बचाने के लिये पंजाबराव कृषी विद्यापीठ के कृषी शास्त्रज्ञ तथा काटोल उपविभागीय कृषी अधीकारी तथा कृषी सहायक किसानों के खेतों पर पहूंच कर कपास पर गुलाबी बोंड ईल्लि के प्रादुर्भाव से बचाने के लिये मार्गदर्शन करे . गृह मंत्री ने बताया कि विगत चार वर्ष पुर्व विदर्भ में गुलाबी बोंड ईल्लि के प्रादुर्भाव के चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ था.

तब पुर्व केंद्रिय कृषी मंत्री तथा सांसद शरद पवार राष्ट्रीय एग्रोव्हिजन के वरिष्ठ अधिकारी डाॅ माही के प्रमुखता में कपास पर होने वाले गुलाबी बोंड ईल्लि के प्रादुर्भाव के रोकने के लिये एक दल गठित की थी तब से गुलाबी बोंड ईल्लि के प्रादुर्भाव नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत शनिवार 05सितंबर को दोपहर तिन बजे नागपुर जिले के काटोल तहसील के प्रादेशिक फल संशोधन केंद्र वंडली मे पहूंचकर गुलाबी बोंड ईल्लि नियंत्रण अभियान प्राचार रथ को हरी झंडी दिखाई, इस कार्यक्रम की प्रमुखता पंजाबराव कृषी विद्यापीठ के कुलगुरू डा व्हि एम भाले तथा प्रमुख उपस्थिती एग्रोव्हिजन फौंडेशन के प्रमुख डाक्टर माहीती, पुर्ण जि प अध्यक्ष रमेश मानकर, जि प सदस्य चंद्रशेखर कोल्हे, समीर उमप, काटोल पंचायत समिती के सभापती धम्माल खोब्रागडे, उपसभापती अनुराधा खराडे,पंचायत समिती सदस्य , निलिमा अनिल ठाकरे, पूर्व जि. प उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चिखले, कुषी उत्पादन बाजार समिति के अध्यक्ष तारकेश्वर शेळके, पं सदस्य संजय डांगोरे, राष्ट्रवादी काँग्रेस शहर अध्यक्ष गणेश चन्ने, जयंत टालाटूले, अमित काकडे, पकंज मानकर, अजय लाडसे निशिकांत नागमोते, के साथ पि के व्ही के कृषी शास्त्रज्ञ तथा स्थानिय किसान सोशल डिस्टंस्सींग के साथ उपस्थित थे, प्रादेशिक फल संशोधन केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी डाॅ विनोद राऊत ने प्रास्ताविक किया.

इस अवसर पर उपस्थित उपविभागीय कृषी अधिकारी विजय निमजे तथा तहसील कृषी अधिकारी सुरेश कन्नाके ने बताया की काटोल तहसिल में 3800 हेक्टरआर तथा नरखेड तहसील में 4087हेक्टर आर कुल 7887हे आर में संतरा तथा मोसंबी के बागान है. संतरा तथा मोसंबी यह स्थानिय किसानो की नगद की फसल मानी जाती है. इस वर्ष काटोल तहसील में 2998हेक्टर आर तथा नरखेड तहसील में 3210हेक्टर आर कुल 6208हेक्टरआर की मोसंबी तथा संतरा बागानों पर फायटोप्थोरा-ब्राऊन राॅट नामक रोगों के प्रादुर्भाव के चलते 75से80प्रतिशत मोसंबी तथा संतरा फसल प्रभावित होने से संतरा तथा मोसंबी के भारी फल गलन हुआ है. जिस में भी मोसंबी के फलगलन अधीक हो रही है. इसकी प्राथमिक जानकारी कृषी आयुक्त तथा जिला कृषी अधिक्षक को दिये जाने की जानकारी काटोल उपविभागीय कृषी अधिकारी विजय निमजे ने दी है.

सोयाबीन
मोसंबी संतरा से अधिक सोयाबीन के फसल पर तनाईल्ली (खोड किडा), तथा मोज्याक के प्रादुर्भाव के चलते सीयाबीन की फसल की अधिक नुकसान हुआ है . कृषी उपविभागीय अधिकारी विजय निमजे ने बताया की काटोल उपविभागीय कृषी क्षेत्र के तहत काटोल तहसील 14855हेक्टर आर्थिक नरखेड तहसील में15833 हेक्टर आर कूल 30688हेक्टर आर मे सोयाबीन के फसल की बुआई की गयी है, जिस में प्राथमिक सर्वक्षण के अनुमान के चलते काटोल तहसील में 11141-हेक्टर आर तथा नरखेड क्षेत्र में10500हेक्टर आर कुल 21641 हेक्टर आर की सोयाबीन की फसल पर मोज्याक, तथा तनाईल्ली (खडकिडा) के प्रादुर्भाव होने की जानकारी सोयाबीन के प्राथमिक सर्वक्षण में पता चला है. इसकी जानकारी कृषी आयुक्त तथा जिला कृषी अधिक्षक कार्यालय को भेजी जाने की जानकारी उपविभागीय कृषी अधिकारी विजय निमजे, तालुका कृषी अधिकारी सुरेश कन्नाके द्वारा दी गयी है.

इस अवसर पर किसानों तथा जन प्रतिनिधीयों द्वारा संतरा मोसंबी-संतरा तथा सोयाबीन के फसल की नुकसान के मुआवजे के मांग का ज्ञापन गृहमंत्री को दिया गया!