पवनी (भंडारा)। शेगाव के संत गजानन महाराज के प्रकट दिवस उत्सव पर “गण गण गणात बोते” के गजर में मनाया गया. विदर्भ पंढरी शेगाव नगर का रूप आज विदर्भ की काशी पवनी में दिख रहा था. ब्रम्हांड नायक गजानन महाराज की जय का जय-जयकार गजर करते हुए बुधवार को संत गजानन महाराज का 138 वा प्रकट दिन समारोह बड़े उत्साह से मनाया गया. इस उपलक्ष पर पालखी यात्रा में हजारों गजानन महाराज के भक्त और पवनीवासी सहभागी हुए थे. इससे पहले सुबह 7 बजे श्री की मूर्ती का अभिषेक किया गया. पालखी यात्रा में सहभागी हुए 3 अश्व संत गजानन महाराज की मूर्ती को विराजमान कर रथ खीच रहे थे.
फूलों से सजाया आकर्षक रथ सभी को आकर्षित कर रहा था. यहां के विठ्ठल गुजरी वार्ड के विठ्ठल रुख्मिणि मंदिर और दत्त मंदिर परिसर से पालखी यात्रा की शुरुवात सुबह 11 बजे हुई. पवनी के घोडघाट चौक, आम्बेडकर चौक, सराफा लाइन, आझाद चौक, गांधी चौक, शिवाजी चौक मार्ग पर पालखी यात्रा वापस अपने स्थान पर पहुंची. श्री गुरुदेव भजन मंडल निष्ठि, इंदिरा सागर महिला भजन मंडल वाही वसाहत, शिवदास भजन मंडल कोरंभि, एकविरा माता भजन मंडल पवनी, श्री सांप्रदाय जगदगुरु नरेंद्राचार्य भक्त सेवा मंडल आदि भजन मंडल गजानन महाराज के भजन और भक्तीगीत गाते हुए पालखी में सहभागी हुए.
मार्ग पर जगह-जगह रंगोली निकाली गई और पालखी की पूजा की गई.
इस दौरान अनेक भक्तों ने प्रत्येक चौराह में छोटे मंडप डालकर श्री गजानन महाराज की प्रतिमा रखी. यात्रा का आगमन मंदिर परिसर में होने पर आरती और महाप्रसाद वितरित किया गया. पवनी के करीब 5000 भाविकों ने गजानन महाराज के पसंदिता झुनका भाकर महाप्रसाद का लाभ लिया. 9 फरवरी से 11 फरवरी तक तीन दिन चले इस उत्सव में भंडारा के सुमंत देशपांडे का गजानन महाराज के जीवन चरित्र पर आधारित प्रवचन, गजानन महाराज विजय ग्रंथ सामुहिक पारायण, तथा भजन मंडल ने भजन का कार्यक्रम आयोजित किया था.