Published On : Sun, Sep 12th, 2021

भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा नागपुर में प्रोजेक्टल आईरास्ते का शुभारंभ

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-सड़क सुरक्षा के लिए एआय-संचालित प्रोजेक्टच
-इंटेल इंडिया, आईएनएआई, आईआईआईटी-हैदराबाद, सीएसआईआर-सीआरआरआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा और नागपुर नगर निगम द्वारा विकसित सहयोगात्मक पहल

सड़क सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के बीच हुई एक अनूठी सहयोगी पहल के साथ, इंटेल, आईएनएआई, आईआईआईटी-हैदराबाद, सीएसआईआर-सीआरआरआई (केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान), महिंद्रा एंड महिंद्रा और एनएमसी (नागपुर नगर निगम) द्वारा आज नागपुर में आईरास्तेथ (इंटेल‍िजेंट सोल्यू शन फौर रोड सेफ्टी थ्रु टैक्नॉटलॉजी एंड इंज‍िन‍ियरींग) प्रोजेक्टग का शुभारंभ क‍िया गया। आज माननीय श्री नितिन गडकरी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के शुभ हाथों द्वारा इस पर‍ियोजना का उद्घाटन क‍िया गया । उनके साथ श्री विकास महात्मे, राज्यसभा सांसद, श्री राधाकृष्णन बी, एनएमसी आयुक्त और प्रोजेक्ट् संघ के अन्यग सदस्य उपस्थित थे ।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शक्ति के साथ, प्रोजेक्ट आईरास्तेप (इंटेल‍िजेंट सोल्यूअशन फौर रोड सेफ्टी थ्रु टैक्नॉठलॉजी एंड इंज‍िन‍ियरींग) का लक्ष्य नागपुर शहर की सड़क दुर्घटनाओं में 50% तक की गिरावट लाना और विजन जीरो की दिशा में भारत के लिए एक ब्लूिप्रिंट तैयार करना है।
• अभिनव और समग्र सड़क सुरक्षा ढांचे के माध्यम से, वाहन सुरक्षा, गतिशीलता विश्लेषण और सड़क बुन‍ियादी ढांचे की सुरक्षा इन तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना इसका उद्देश्य है।

निवृति राय, कंट्री हेड, इंटेल इंडिया और वाइस प्रेसिडेंट, इंटेल फाउंड्री सर्विसेज ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक स्मार्ट और सुरक्षित वाहनों, सड़कों और ड्राइवरों को सक्षम बनाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगी। तकनीकी समाधानों के उपयोग के माध्यम से भारत में सड़क सुरक्षा को सक्षम करने और मृत्यु दर को कम करने के लिए इंटेल प्रतिबद्ध है। मैं प्रोजेक्ट आईरास्तेर को लॉन्च करने के लिए उत्साहित हूं, जो इस क्षेत्र के प्लेशअर को नागपुर में सड़क सुरक्षा में काम करने के लिए एक साथ लाने वाली एक अनूठी सहयोगी पहल होगी, जो विजन जीरो की दिशा में देश भर में अपनाने के लिए एक ब्लूप्रिंट स्थााप‍ित करेगी ।

आईआईआईटीएच के निदेशक प्रो पी जे नारायणन ने कहा, “शैक्षणिक संस्थानों के पास बहुत बड़ा ज्ञान और विशेषज्ञता है, जिसका उपयोग समाज की स्थिति को सुधार के लिए किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। आईआईआईटी हैदराबाद एप्लाइड रिसर्च पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो ठीक यही काम करता है। आईएनएआई के माध्यम से, हम अकादमिक विशेषज्ञता को बडी मात्रा में जनसंख्या पर प्रभाव डालने के ल‍िए पर‍िवर्तित करना चाहते हैं। सड़कें और वाहन देश की जीवन रेखा हैं, लेकिन चालकों और पैदल चलने वालों के लिए खतरे से भरे हैं। हम आने वाले वर्षों में आईरास्तेअ प्रोजेक्टष के माध्यम से दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं।”

प्रोजेक्ट आईरास्तेप विशिष्ट रूप से प्रत्येक भागीदार की विशेषज्ञता और क्षमताओं का लाभ उठा रहा है। इंटेल इंडिया एडीएएस तकनीक पर आधारित ऑनबोर्ड सिस्टम ला रहा है । सीएसआईआर-सीआरआरआई सड़क इंजीनियरिंग में डोमेन विशेषज्ञता ला रहा है और आईआईआईटी-हैदराबाद एप्लाइड एआई अनुसंधान (https://inai.iiit.ac.in/) के लिए आईएनएआई केंद्र के माध्यम से जनसंख्या-पैमाने पर सड़क सुरक्षा के लिए एआई-आधारित अनुसंधान कर रहा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा अपने सड़क पर चलने वाले वाहनों को न‍िर्माण के विशाल अनुभव के साथ नागपुर में सड़क सुरक्षा जन जागरूकता कार्यक्रम और ड्राइवर प्रशिक्षण आयोजित करेगा।

सीएसआईआर के महानिदेशक, डॉ शेखर सी. मांडे ने प्रोजेक्टध के बारे में कहा, “यह शिक्षाविदों, उद्योग और सरकार के विभिन्न भागीदारों के बीच पूरक कौशल के साथ बहु-संस्थागत सहयोग का एक अद्भुत उदाहरण है, जो दैनिक आधार पर समाज के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करेगा । मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा ऑडिट कार्यक्रम शुरू करने में अग्रणी सीएसआईआर-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) ने लगभग 9000 किलोमीटर का सड़क सुरक्षा ऑडिट पूरा किया है, वे इस प्रोजेक्टो में आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे । वे दुर्घटना संभावित स्थानों को ढूंढने में मदद करेंगे और वाहनों में सीएएस (टकराव से बचाव प्रणाली) लगाने से पहले और बाद के ड्राइवरों के व्यवहार का मूल्यांकन भी करेंगे। यह प्रोजेक्ट नागपुर में शुरू होने जा रहा है, जो निश्चित रूप से अत्यारधुन‍िक तकन‍िक के माध्यम से भारत में सड़क सुरक्षा से संबंध‍ित समस्या ओं को से निपटने में एक मील का पत्थर साबित होगी । इसका विभिन्न शहरों में भी इसका अनुकरण किया जा सकेगा ।”

इस प्रोजेक्टो के तहत, नागपुर नगर निगम के वाहनों के समूह को टक्कर से बचाने की तकनीक से लैस किया जाएगा, जो दुर्घटनाओं और छोटी गलत‍ियों को 60% तक कम कर सकेगा । इस तकन‍िक में लगे सेंसर पहली बार पूरे सड़क नेटवर्क (ग्रे स्पॉट मैप) के गतिशील जोखिम को मैप करने में भी मदद करेंगे। सड़क रखरखाव एजेंसियां ऐसी जानकारी का उपयोग कीसी भी मृत्यूस जैसी दुर्घटना होने से पहले दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) में होने वाली दुर्घटनाओं को रोक सकेंगे । प्रोजेक्ट आईरास्तेक मौजूदा ब्लैक स्पॉट पर इंजीनियरिंग सुधारों की सिफारिश करने के लिए विस्तृत अध्ययन करेगा और सड़क बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता की निरंतर निगरानी के लिए एआई – संचालित प्रणाली को लागू करेगा।

एक अभिनव और समग्र ढांचे के साथ सड़क सुरक्षा को फिर से परिभाषित करते हुए, प्रोजेक्ट आईरास्तेे वाहन सुरक्षा, गतिशीलता विश्लेषण और सड़क बुन‍ियादी ढांचे की सुरक्षा जैसे तीन प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका उद्देश्य भविष्य की शक्ति कहलाई जानेवाले एआई के साथ सड़क सुरक्षा की नये तर‍िके से कल्पना करना है। एडवांस ड्राइविंग अस‍िस्टंीट स‍िस्टनम (एडीएएस) गाडि‍यां और सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक किफायती तरीका पेश करेगी। ड्राइवर के आकलन और प्रशिक्षण के साथ-साथ एडीएएस अलर्ट ड्राइवर के प्रदर्शन में उल्लेखनीय रूप से सुधार करेगा । ग्रे और ब्लैक स्पॉट जैसे उच्च जोखिम वाले या दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए गतिशीलता विश्लेषण के साथ पूरे सड़क नेटवर्क के गतिशील जोखिमों की लगातार निगरानी रखेगा। दुर्घटना के बाद होने वाले मृत्यूक से बचने के ल‍िए निवारक सहायता के माध्य्म से पहले ही ब्लैेक स्पॉ ट टाले जा सकेंगे ।

आईएनएआई के बारे में
आईएनएआई स्वास्थ्य देखभाल और स्मार्ट मोबिलिटी डोमेन पर ध्यान देने के साथ अनुसंधान और पर‍िवर्तन को मिलाकर भारतीय संदर्भ में जनसंख्या की समस्याओं के लिए एआई को लागू करने की एक पहल है। यह सहयोगात्मक प्रयास, इंटेल द्वारा समर्थित और तेलंगाना सरकार द्वारा उत्प्रेरित है, जो आईआईआईटी-हैदराबाद में अपना काम कर रहा है। आईएनएआई आईआईआईटी-एच में इंटेल की एआई के प्रौद्योगिकी नेतृत्व और आर्कीटैक्टन की ताकत के साथ व्यापक कंप्यूटिंग ताकत और विशेषज्ञता का लाभ ले रहा है और आईहब-डेटा की रूपरेखा और गतिविधियों की मदद ले रहा है।

आईआईआईटी-हैदराबाद के बारे में
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हैदराबाद (आईआईआईटी-एच) 1998 में स्थापित एक स्वायत्त अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जो सूचना प्रौद्योगिकी के मुख्य क्षेत्रों, जैसे कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युधन‍िकेशन, और इंटर ड‍िस‍िप्लीूनरी अनुसंधान, जिसका अधिक सामाजिक प्रभाव पड़ता हो, के माध्यम से अन्य डोमेन में उनके अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके कुछ अनुसंधान के डोमेन में व‍िजुअल इन्फॉ्रमेशन टैक्नोधलॉजी, ह्यूमन लैग्वेोज टैक्नोकलॉजी, डेटा इंजीनियरिंग, वीएलएसआई एंड एम्बेडेड सिस्टम, कंप्यूटर आर्किटेक्चर, वायरलेस कम्युशन‍िकेशन, एल्गोरिदम एंड इन्फॉुरमेशन सैक्युयरीटी, रोबोटिक्स, ब‍िल्डींछग साइंस, अर्थक्वैआक इंजीनियरिंग, कम्प्यूटेशनल नैचरल साइंस और बायोइन्फॉंरमेशन, एजुकेशन टेक्नोलॉजीज, पावर सिस्टम्स, आईटी इन एग्रीकल्चर एंड ई-गवर्नेंस शामिल हैं। ।