देवली (वर्धा)। विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही जहां कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कार्यकर्ता काम से जुट गए हैं, वहीं भाजपा-शिवसेना महायुति में अभी भी भ्रम की स्थिति है. वे अभी उम्मीदवार के नाम की घोषणा का ही इंतजार कर रहे हैं.
पिछले 15 साल से देवली-पुलगांव विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है. रणजीत कांबले ने अपने क्षेत्र में भूमिपूजन और लोकार्पण की जैसे लड़ी ही लगा दी थी. उधर, महायुति अभी भी उम्मीदवार के इंतजार में ही है. कार्यकर्ता समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वे आखिर किस पार्टी के लिए है और किस उम्मीदवार के लिए काम करें. निश्चित तो कुछ भी नहीं है.
उधर, मोर्चे के कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ प्रचार से जुट गए मोर्चा की ओर से लोगों तक पहुंचने के लिए सम्मेलन, आम सभाएं ली जा रही हैं. माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए मोर्चे की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.

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