Published On : Fri, Mar 16th, 2018

उपचुनाव कराने की माँग लेकर पूर्व सांसद नाना पटोले चुनाव आयोग का खटखटाया दरवाजा

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नई दिल्ली/नागपुर: बतौर सांसद इस्तीफ़ा देने वाले नाना पटोले ने भंडारा-गोंदिया संसदीय सीट में उपचुनाव में हुई देरी को लेकर भारतीय चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। बीजेपी से इसी सीट पर सांसद रहे और त्यागपत्र देने के बाद पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले पटोले ने जल्द चुनाव कराने की माँग की है। शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय में खुद पहुँचकर नाना पटोले ने मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत को निवेदन लिखा अपना पत्र सौपा।

नाना द्वारा लिखे पत्र में हाँलही में उत्तरप्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर सीट का भी जिक्र किया। उनके मुताबिक इन दोनों सीटों के सांसदों का त्यागपत्र उनके त्यागपत्र के ही साथ 15 दिसंबर 2017 को लोकसभा में स्वीकार्य किया गया। कुछ दिन पूर्व 11 मार्च 2018 को उत्तरप्रदेश की दोनों सीटों पर चुनाव हुए बावजूद इसके भंडारा-गोंदिया में ऐसा नहीं हुआ। नाना ने अपने द्वारा किये गए निवेदन पर संज्ञान लेने की अपील चुनाव आयोग से की है।

पूर्व में बीजेपी से सांसद रहे नाना वर्त्तमान में कांग्रेस पार्टी का हिस्सा है। खुद राहुल गाँधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया। बीजेपी में रहते हुए और पार्टी छोड़ने के बाद वह लगातार बीजेपी पर हमला बोलते रहे है। उनके निशाने पर और कोई नहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर रखा। कुछ दिनों पूर्व भंडारा-गोंदिया सीट पर चुनाव न होने के पीछे फडणवीस का हाँथ होने का आरोप पटोले ने लगाया था। लोकसभा उपचुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस और अधिक आक्रामक हो चुकी है। नाना पटोले के अनुसार उपचुनाव में इस सीट पर हार का आभास बीजेपी को है इसलिए इस प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है।


भंडारा-गोंदिया उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में डाली गई है जनहित याचिका
ज्ञात हो की भंडारा-गोंदिया संसदीय सीट पर उपचुनाव के विरोध में मुंबई उच्च न्यायलय की नागपुर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी है की वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव होने ही वाले है। समय ज्यादा नहीं है इसलिए अगर अभी उपचुनाव होता है तो करीब 5 करोड़ का खर्चा आयेगा। इसलिए चुनाव न कराया जाए। पटोले ने नागपुर टुडे को बताया की उन्होंने इस संबंध में भी मुख्य चुनाव आयोग से मुलाकात के दौरान बातचीत की जिसमे चुनाव आयुक्त ने उन्हें कहाँ की उपचुनाव,चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा है। इस पर अदालत में दर्ज जनहित याचिका से कोई असर नहीं पड़ता। नाना के मुताबिक उन्हें जल्द चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने का आश्वाशन चुनाव आयुक्त द्वारा दिया गया है।