Published On : Sat, Nov 29th, 2014

चंद्रपुर : अब चंद्रपुर में वन अकादमी

 

  • चिचपल्ली में बनेगा बांस संशोधन व प्रशिक्षण केन्द्र
  • सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर राज्य मंत्रिमंडल का ऐतिहासिक निर्णय

Forrest academy
चंद्रपुर।
चंद्रपुर व गड़चिरोली जिला वनाच्छादित होने से यहां वन अकादमी हो वर्षों से यह माँग लंबित पड़ी थी. भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद इस संदर्भ में ठोस निर्णय लेने का आश्वासन विधायक मुनगंटीवार ने दिया था. उसी की पूर्ति 27 नवम्बर को मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेकर की गई. जिसमें चिचपल्ली में बांस संशोधन व प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने का महत्वाकांक्षी निर्णय लिया गया.

उसी प्रकार चंद्रपुर में वन प्रशिक्षण संस्था होने से वन अकादमी हो इसकी भी माँग नागरिकों ने की थी. उसी की टोह लेकर राज्य मंत्रिमंडल ने प्रशिक्षण संस्था का दर्जा को बढ़ाते हुए उसे वन एकादमी के रूप में रूपांतरित करने का निर्णय लिया. इस अकादमी का नाम चंद्रपुर फॉरेस्ट अकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट अर्थात चंद्रपुर वन प्रशासन, विकास व व्यवस्थापन प्रबोधिनी किया जाएगा. इस वन अकादमी के मार्फत वन्य जीव व्यवस्थापन और वनीय उत्पादन विषयक प्रशिक्षण दिया जाएगा. अकादमी को सरकारी की तरफ से 100 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. अकादमी के लिए 9 पदों सृजित कर 4 पदों को बाहर से भर्ती तथा इमारत के नवीनीकरण का खर्च को मंजूरी दी गई. फिलहाल अकादमी के माध्यम से तकनीकि प्रशिक्षण, सेवा अंतर्गत प्रशिक्षण, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रशिक्षण, पदोन्नति के बाद प्रशिक्षण, संशोधन प्रशिक्षण, नए विषयों की चेहरा पहचान प्रशिक्षण, लोक प्रशिक्षण, स्वयंसेवी संस्था के लिए प्रशिक्षण, प्रशासनिक कर्मचारी और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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इस ऐतिहासिक निर्णय से चिचपल्ली में बांस संशोधन व प्रशिक्षण केन्द्र को मान्यता दी गई है. बांस की वैज्ञानिक रोप और औद्योगिक उपयोग के लिए प्रशिक्षण देने की दृष्टि से चिचपल्ली में बांस संशोधन व प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर नई बांस नीति की घोषणा करने का भी निर्णय लिया गया. इसके अंतर्गत केन्द्र में बांस से निर्मित वस्तु तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना है. इस प्रशिक्षण केन्द्र के लिए 11 करोड़ 12 लाख 13 हजार रुपये खर्च को मंजूरी दी गई है. प्रकल्प के उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए भारत सरकार के मार्फत मान्यता प्राप्त बांस आधारित डॉयरेक्टर जनरल ऑफ एम्प्लॉयमेंट एंड ट्रेनिंग अभ्यासक्रम शुरू किया जाना है. इस क्रम में बांस प्रोसेसिंग, सेकेंडरी बांस प्रोसेसिंग, बांस निर्माण कार्य के लिए बांस का उपयोग, बांस हैंडीक्राफ्ट वस्तु फर्निचर तैयार करने के अलावा प्रशिक्षणार्थियों को स्वयं रोजगारयुक्त उच्च श्रेणी का प्रशिक्षण, बांस टर्निंग प्रॉडक्ट, फाइन बांस प्रॉडक्ट का अभ्यासक्रम का समावेश किया गया है. इस प्रशिक्षण केन्द्र के लिए एक संचालक पद व अन्य 22 पदों के साथ एस्टेट मैनेजर, केयर टेकर व चौकीदार का पद सृजित किया जाना है. बांस संशोधन व प्रशिक्षण केन्द्र के निर्माण के लिए सुधीर मुनगंटीवार ने पिछले एक वर्ष से इस दिशा में पहल कर रहे थे.

प्रतिबंध हटाया गया
1997 से बुरड व्यवसाय करने वाले परिवार का पंजीयन राज्य सरकार ने बंद कर दिया था. इसलिए जुदा हुए और पंजीकृत नहीं हुए प्रत्यक्ष बुरड काम करने वाले परिवार को सरकार 1500 बांस मुफ्त देने की योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. उससे पहले पंजीयन हुए 7900 परिवारों को योजना का लाभ मिल रहा था. उसी आधार पर अब राज्य के नए बुरडों का पंजीयन करने मंत्रिमंडल में मान्यता देने से बुरड मजदूरों को स्वयं रोजगार को प्रोत्साहन मिले इसके लिए बांस मजदूरों को वितरित किए जाने वाले बांस पर स्वामित्व शुल्क में छूट प्रदान करने में सहमति जतायी गयी है. ऐसी सुविधा प्रति परिवार को प्रति वर्ष मर्यादित सीमा 1500 बांस दी जाएगी. दो जाति के बांस छोड़ अन्य सभी प्रकार की बांस की पैदावार और परिवहन से सभी प्रतिबंध हटा लिया गया है.

सामाजिक वनीकरण संचालनालय वन विभाग में विलीन
वन विभाग से संबंधित विभिन्न निर्णय लेते हुए सामाजिक वनीकरण संचालनालय वन विभाग में विलीन करने का महत्वपूर्ण निर्णय अर्थ, नियोजन व वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के नेतृत्व में लिया गया. इस निर्णय के अनुसार संचालनालय के अधिकारी वन विभाग के होने से फिलहाल ग्रामीण विकास और  जल संधारण विभाग के अंतर्गत कार्यरत है. इसके एकीकरण के बाद सामाजिक वनीकरण संचालनालय के स्वतंत्र अस्तित्व रख संचालक सामाजिक वनीकरण के नियंत्रण में आ जाएगा. उसी प्रकार मंत्रालय के सामाजिक वनीकरण विभाग प्रशासकीय दृष्टि से प्रधान सचिव (वन) के नियंत्रण में आ जाएगा. संचालनालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी वन विभाग में समावेश किया जाएगा. इस वक्त मंत्रिमंडल के भूविकास बैंक के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की. महाराष्ट्र सहकारी कृषि ग्रामीण बहुद्देशीय विकास बैंक के रणनीतियों के अंतर्गत निर्णय लेने के लिए मंत्रिमंडल की उप समिति सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में नियुक्त करने के लिए निर्णय लेकर समिति 3 सदस्यीय होने की घोषणा की गई. इसमें महसूल मंत्री एकनाथ खड़से व चंद्रकांत पाटील का समावेश किया गया है.

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