उत्तर एवं पूर्वी नागपुर: आशी नगर जोन, नेहरू नगर जोन, सतरंजीपुरा जोन और लकड़गंज जोन में 28 जलाशयों में जलापूर्ति बाधित
प्रशासन ने की एहतियाती कार्रवाई
नागपुर: भले ही नागपुर शहर में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, लेकिन उत्तर और पूर्वी नागपुर यानी आशी नगर जोन, लकड़गंज जोन, नेहरू नगर जोन और सतरंजीपुरा जोन के निवासियों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण बड़ी मात्रा में कान्हन नदी में मिश्रित हानिकारक “फ्लाई ऐश” है। नागपुर महानगरपालिका और ऑरेंज सिटी वाटर कंपनी के कर्मचारी कन्हान जल उपचार संयंत्र और उसकी पंपिंग इकाई को बंद करने के लिए मजबूर हो गए। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कन्हान नदी का जलस्तर न सिर्फ बढ़ा है बल्कि ओवरफ्लो हो रहा है। लेकिन नदी के तल में बड़ी मात्रा में “फ्लाई ऐश” मिश्रित होने के कारण, इस पानी का रंग पूरी तरह से ग्रे हो चुका है। आशंका जताई जा रही है कि यह “फ्लाई ऐश” खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन के “फ्लाई ऐश” तालाब से कन्हान नदी में मिल रही है। नागपुर महानगरपालिका और ऑरेंज सिटी वाटर की टीम इस विषय पर नज़र रख रही है।
दरअसल, टीम की सतर्कता के चलते गत 10 जुलाई की सुबह टीम को जैसे ही राख पानी पर नजर पड़ी, कन्हान वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के पंपों को तत्काल बंद कर दिया गया। प्लांट को साफ भी किया गया। तब से राख हर दिन नदी के पानी के साथ बड़ी मात्रा में बह रही है। लेकिन राख से भरा यह हानिकारक पानी शहर में लोगों के घरों में न जाए और लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो, इस बात को मद्देनज़र रखते हुए कन्हान जल शोधन संयंत्र को बार-बार बंद किया जा रहा है और इसका परिणाम बाधित जलापूर्ति है। 10 जुलाई से उत्तर और पूर्वी नागपुर में कम दबाव और सीमित पानी की आपूर्ति हो रही थी, लेकिन 14 जुलाई के बाद से जल उपचार संयंत्र पंपिंग बंद होने के कारण हानिकारक राख से भरे पानी को लोगों तक पहुंचने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर जलापूर्ति नहीं की गई थी। कोई भी जल उपचार संयंत्र फ्लाई ऐश युक्त पानी का उपचार नहीं कर सकता है या ऐसा करने के लिए इन उपकरणों को नहीं बनाया गया है। कन्हान जल शोधन केंद्र भले ही अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, लेकिन फ्लाई ऐश युक्त पानी को शुद्ध करने में सक्षम नहीं है।
अधिकारियों ने बुलाई समीक्षा बैठक
एनईएसएल सुश्री श्वेता बनर्जी के कार्यालय में कल नागपुर महानगरपालिका और खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन अधिकारियों के बीच एक समीक्षा बैठक हुई और खापरखेड़ा के अधिकारियों ने इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का वादा किया है। साथ ही शनिवार को मनपा आयुक्त के निर्देशानुसार नागपुर महानगरपालिका, ऑरेंज सिटी वॉटर, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन के अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त निरीक्षण किया गया है। इन सब कारणों से उत्तर और पूर्वी नागपुर के नागरिक पीने के पानी से वंचित हैं लेकिन नागपुर महानगरपालिका और ऑरेंज सिटी वॉटर के सही निर्णय के कारण उन्हें राख युक्त हानिकारक पानी पीने से बचा लिया गया है।